अगरताल। त्रिपुरा भाजपा में अंदरूनी कलह उस वक्त सामने आ गई जब मुख्यमंत्री बिपल्ब कुमार देब ने अपनी ही पार्टी के विधायक को भूमाफिया बताते हुए जेल भेजने की चेतावनी दे डाली।
मुख्यमंत्री देब ने विधायक आशीष कुमार साहा का जिक्र करते हुए कहा, अगर कोई राजनीति को ढाल बनाकर भूमि अधिग्रहण जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को करना चाहता है तो मैं स्पष्ट करता हूं कि वह कार्रवाई से नहीं बच पाएगा। कानून अपना कार्य करेगा, जिससे कोई भी नहीं बच पाएगा।
साह ने कहा कि वह मुख्यमंत्री को आरोप साबित करने की चुनौती देते है। देब के बयान से एक दिन पहले अगरतला नगर निगम (एएमसी) ने उज्जयांता पैलेस के सामने इमारत का एक हिस्सा तोड़ दिया था, जोकि 30 वर्ष से साह के अधिकार में था।
इस जगह का इस्तेमाल वामपंथी विरोधी सरकार कर्मचारी फेडरेशन के कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। एएमसी महापौर दीपक मजुमदार ने आरोप लगाया कि साह और तृणमूल कांग्रेस राज्य संयोजक सुबल भौमिक ने गैरकानूनी रूप से 90 के दशक में शहर के बीच 7000 स्कावायर फुट भूमि कब्जा ली थी और निजी राजनैतिक गतिविधियों के तौर पर उसका उपयोग कर रहे थे।
शुरुआत में इसका प्रयोग कांग्रेस और उसके बाद तृणमूल कांग्रेस के बैनर नीचे किया गया। आखिर में साह के 2018 में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर विधायक बन जाने के पश्चात इसका प्रयोग फेडरेशन कार्यालय के रूप में किया जा रहा था।