सभी के प्रयासों से बनेगा उत्तराखंड श्रेष्ठ राज्यः धामी

नाबार्ड द्वारा स्टेट क्रेडिट सेमिनार का आयोजन, जारी किया गया स्टेट फोकस पेपर

  • वर्ष 2022-23 के लिए उत्तराखण्ड के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की कुल ऋण
  • क्षमता 28 हजार 528 करोड़ रूपए का अनुमान

देहरादून। नाबार्ड द्वारा 2022-23 के लिए उत्तराखण्ड राज्य के प्राथमिकता वालक्षेत्रों के लिए कुल ऋण क्षमता 28528 करोड़ रूपए का अनुमान लगाया है।मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार मेंस्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की विकास यात्रा हम सभी की सामूहिक यात्रा है। इसमेंसभी को पूरी तत्परता से अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करना है। स्टेट क्रेडिटसेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड कोश्रेष्ठराज्य बनाने में नाबार्ड का महत्वपूर्ण सहयोग रहेगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से वर्ष 2025 में उत्तराखण्ड को प्रत्येक क्षेत्र मेंश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास में नाबार्ड का महत्वपूर्ण योगदान है।आधारभूत संरचना से संबंधित योजनाओं के माध्यम से सड़कों, भण्डारण व्यवस्था,पेयजल, सिंचाई आदि में सुधार हुआ है। विशेष रूप से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों कोमजबूत करने और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आजीविका सृजनकर महिला सशक्तिकरण में भी नाबार्ड का येगदान रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2025 में उत्तराखण्ड को देशका श्रेष्ठ राज्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है। इसे हम सभी को मिलकर पूरा करनाहै। इसी क्रम में हमने बोधिसत्व विचार श्रृंखला जारी की है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों केविशेषज्ञों और प्रबुद्ध लोगों के साथ संवाद किया जा रहा है।

प्राप्त सुझावों का संकलन किया जा रहा है। साथ ही सभी विभागों से अगले 10 वर्षोंका रोडमैप भी लिया जा रहा है। इसके आधार पर राज्य के विकास की रूपरेखाबनाई जाएगी। हमारी विकास नीति का लक्ष्य अंतिम छोर पर खड़े व्यक्तितकविकास योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।

छोटे किसानों और आम व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिले। खेती, बागवानी,उद्योगों में नवाचार की जरूरत है। नई तकनीक को अपनाना होगा। बेस्टप्रैक्टिसेजका समावेश करना है। होम स्टे इसी प्रकार की बेस्ट प्रेक्टीस है। इससे एक ओरहमारे युवाओं को रोजगार मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर देश विदेश के लोगउत्तराखण्ड की संस्कृति से परिचित हो रहे हैं। होमस्टे इकोलॉजी और इकोनॉमीदोनों में समन्वय का अच्छा उदाहरण है। योजनाएं बहुत सारी हैं। परंतु इसकाआउटकम तभी मिलेगा जबकि सामान्य से सामान्य व्यक्ति को भी इनकी पूरीजानकारी हो।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक अरुण प्रताप दास ने कहा कि नाबार्ड, ग्रामीण समृद्धि सुनिश्चित करने के अपने जनादेश के अनुरूप कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सभी हितधारकों को शामिल करते हुए सहभागी और परामशी दृष्टिकोण अपनाकर हर साल देश के प्रत्येक जिले के लिए संभावित लिंक्ड क्रेडिट प्लान (पीएलपी) तैयार करता है।

पीएलपी राज्य के प्रत्येक जिले के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के भीतर कृषि, संबद्ध और अन्य क्षेत्रों में ऋण क्षमता का अनुमान प्रदान करती है। ये अनुमान जिला स्तर पर अग्रणी बैंकों और राज्य स्तर पर एसएलबीसी के लिए वार्षिक ऋण योजना (एसीपी) तैयार करने के लिए एक आधार के रूप में भी काम करते हैं।

स्टेट फोकस पेपर, पीएलपी के परिणामों की परिणति है, जिसमें सभी जिलों की संभावनाओं और अनुमानों को समग्र रूप से राज्य के लिए एक समेकित दस्तावेज में शामिल किया गया है। वर्ष 2022-23 के लिए राज्य फोकस पेपर में उत्तराखंड राज्य में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए कुल ऋण क्षमता 28 हजार 528 करोड़ का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष के क्रेडिट योजना की तुलना में 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
स्टेट फोकस पेपर, भारत और राज्य सरकार दोनों की विभिन्न नीतिगत पहलों का भी संश्लेषण करता है। यह दस्तावेज 2022-23 के लिए नीतिगत पहल और बजट परिव्यय की प्राथमिकता के लिए राज्य सरकार के लिए मददगार साबित होगा।

कार्यक्रम में सराहनीय कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूहों, एनजीओ, सहकारी संस्थाओं, बैंकों व विभागों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री  सुबोध उनियाल, डा. धन सिंह रावत, सचिव  आर मीनाक्षी सुंदरम, आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक राजेश कुमार, भरसार विश्वविद्यालय के वीसी प्रो.अजीत कुमार कर्नाटक उपस्थित थे।

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