नयी दिल्ली। नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोली से 13 लोगों की मौत हो गयी। इस घटना के बाद तनाव बढ़ गया। इस में एक जवान भी शहीद हुआ है और 20 अन्य घायल भी हुए हैं। इस घटना पर मुख्यमंत्री ने एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं।
यह घटना मोन जिले के तिरू गांव में तब हुई जब सुरक्षा बलों ने इन लोगों को एनएससीएन का संदिग्ध आतंकी समझा। गोलीबारी की इस घटना के बाद स्थानीय लोग घरों से बाहर निकल आए और प्रदर्शन करने लगे। उनका कहना है कि ये युवा निर्दोष थे। वे पास की कोयला खदान से घर वापस आ रहे थे।
घटना की गहराई से जांच की जाएगी: सेना
सेना ने जारी एक बयान में कहा कि विद्रोहियों की गतिविधियों की खुफिया जानकारी के आधार पर नागालैंड में मोन जिले के तिरु नामक इलाके में एक विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई गई थी। बयान में कहा गया, इस घटना और उसके परिणाम पर हमें खेद है। लोगों की जान जाने के इस दुर्भाग्यपूर्ण कारण की गहराई से जांच की जाएगी और कानून के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा अभियान के बाद से कई लोग लापता हैं
यह घटना मोन जिले में तिजित अनुमंडल के लोंगखाओ इलाके में शनिवार की शाम करीब चार बजे की है। एक स्थानीय संगठन के अनुसार, इस सुरक्षा अभियान के बाद से कई लोग लापता हैं। उन्होंने बताया कि तिरू क्षेत्र से एक पिकअप ट्रक में सवार होकर कुछ दिहाड़ी मजदूर कोयला खदान से घर लौट रहे थे और तभी सुरक्षा बलों ने उनकी गाड़ी पर हमला कर दिया। सेना के जवानों ने इन पर कथित तौर पर गोलियां चलाईं। बताया जा रहा है कि सुरक्षा बल के जवान एनएससीएन (के) कैडरों की तलाशी में जुटे हुए थे। एनएससीएन (के) नागालैंड का एक विद्रोही समूह है, जिसका नेतृत्व युंग आंग द्वारा किया जाता है।
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