नयी दिल्ली। मणिपुर की लोकटक झील बहुत खूबसूरत है और इसकी सुंदरता दुनिया देखे इसके लिए इसे विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाया जायेगा। झील में देश के अंतर्देशीय जलमार्ग जेट्टी का निरीक्षण करते हुए सोनोवाल ने झील की सुंदरता और पर्यटन तथा संबद्ध गतिविधियों के मामले में इसकी अपार संभावनाओं के बारे में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि लोकटक एशिया के सबसे बड़े जल निकायों में से एक है और हरियाली, समुद्री जीवन तथा नीले पहाड़ों से घिरी यह झील बेमिसाल है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर पूरा ध्यान हैं पीएम मोदी का : सोनोवाल
सोनोवाल ने अंतर्देशीय जलमार्ग विकास और आयुष के क्षेत्रों में मणिपुर सरकार को पूर्ण समर्थन देने का भरोसा देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचा, युवाओं और किसानों के विकास पर जोर देते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र पर पूरा ध्यान दे रहे हैं।
क्यों मशहूर है लोकटक झील
भारत में ताजे पानी की सबसे बड़ी झील है लोकटक झील। यह झील मणिपुर की राजधानी इम्फाल से 53 किलोमीटर दूर और दीमापुर रेलवे स्टेशन के निकट स्थित है। 34.4 डिग्री सेल्सियस का तापमान, 49 से 81 प्रतिशत तक की नमी, 1,183 मिलीमीटर का वार्षिक वर्षा औसत तथा पबोट, तोया और चिंगजाओ पहाड़ मिलकर इसका फैलाव तय करते हैं। इस पर तैरते विशाल हरित घेरों की वजह से इसे तैरती हुई झील कहा जाता है।
एक से चार फीट तक मोटे ये विशाल हरित घेरे वनस्पति मिट्टी और जैविक पदार्थों के मेल से निर्मित मोटी परतें हैं। परतों की मोटाई का 20 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूबा रहता है; शेष 80 प्रतिशत सतह पर तैरता दिखाई देता है। ये परतें इतनी मजबूत होती हैं कि स्तनपायी जानवरों को वजन आराम से झेल लेती हैं। स्थानीय बोली में इन्हें फुुमदी कहते हैं। फूमदी के भी मुख्यतः दो प्रकार हैं: ‘फूमदी एटाओबा’ यानी तैरती हुई फूमदी और ‘फूमदी अरुप्पा’ यानी डूबी हुई फूमदी। इनके नाते से ही लोकटक लेक को दुनिया की इकलौती तैरती झील का दर्जा प्राप्त है।
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