उत्तराखण्ड न्यायालय ने पत्नी की हत्या के मामले पति की सजा को रखा बरकरार

नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने पत्नी की हत्या के मामले में दोषी पति की सजा को बरकरार रखते हुए विशेष अपील को खारिज कर दिया है। मामले के अनुसार वनखंडी ऋषिकेश निवासी नीतू शर्मा की 2009 में हत्या कर दी गयी थी।

मृतका के चाचा महेश शर्मा की ओर से 19 मई, 2009 को लक्ष्मण झूला थाना में मामला दर्ज किया गया।

उन्होंने कहा कि उसकी भतीजी नीतू शर्मा अपने पति सुबोध शर्मा के साथ नीलकंठ मंदिर के दर्शन के लिए गयी थी लेकिन वापस नहीं लौटी। मृतका के पति ने कहा कि वह कहीं खो गयी है और काफी ढूंढने पर भी नहीं मिली।

दूसरे दिन पुलिस द्वारा नीतू के शव को ग्राम जोंक से बरामद कर लिया गया। पुलिस ने मृतका के पति सुबोध शर्मा को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया था।

आरोपी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ससुराल में रहता था। पौड़ी के सत्र न्यायाधीश ने 04 जुलाई, 2014 को आरोपी को दोषी पाये जाने के बाद आजीवन कारावास और 25 हजार का जुर्माना एवं धारा 201 के तहत तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।

इसके बाद आरोपी ने इस फैसले को उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में विशेष अपील के माध्यम से चुनौती दी। अदालत ने इस मामले को सुनने के बाद इसी साल तीन अगस्त को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। जिस पर आज फैसला सुनाया गया।

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