श्रीनगर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि माल एवं सेवा कर लागू होने के बाद जम्मू-कश्मीर में कर आधार लगातार बढ़ रहा है।
उन्होंने कर अधिकारियों का आह्वन किया कि वे करदाताओं की शिकायतों को सुने और उन्हें जरूरी सुविधाएं प्रदान करें। श्रीमती सीतारमण केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों के साथ एक बैठक को संबोधित कर रही थीं।
इस अवसर पर केंद्र-शासित जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव तरुण बजाज, सीबीआईसी चेयरमैन अजित कुमार और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन जेबी महापात्र भी उपस्थित थे।
श्रीमती सीतारमण जम्मू-कश्मीर के दो दिन के दौरे में पर हैं। उन्होंने पहले दिन श्रीनगर में आयकर विभाग के स्थायी कार्यालय-चिनार आयकर भवन और अन्य सुविधाओं का उद्घाटन किया।
उन्होंने आर्थिक वृद्धि और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ने में सूक्षम, लघु और मझोले उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए कर अधिकारियों अपील की कि वे हितधारकों के साथ बराबर संवाद करते रहें।
उन्होंने कहा कि कर प्रशासन और व्यापारियों के बीच संवाद होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर विभाग के अधिकारियों को ‘परिवर्तन के अभिकर्ता’ की भूमिका निभानी चाहिए और व्यवसाय जगत के लोगों से संपर्क कर सरकार से उनकी उम्मीदों और अपेक्षाओं की जानकारी हासिल करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सीबीडीटी और सीबीआईसी के अधिकारियों को मिल जुल कर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर अधिकारियों की भूमिका सहयोगकर्ता और पथ-प्रदर्शक की भी होती है।
उनके क्षेत्र के करदाताओं को उनसे मिलने में और अधिक आसानी होनी चाहिए ताकि कर विभाग की सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सके।