दो साल के भीतर गैरसैंण बनेगी स्थायी राजधानी : हरीश रावत
बोले, भराड़ीसैंण का विधानसभा भवन म्यूजियम के लिए नहीं बनाया है
देहरादून। चुनाव आते-आते एक बार फिर गैरसैंण पर सियासी दंगल शुरू हो गया है। कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष व पूर्व सीएम हरीश रावत ने ऐलान किया है कि कांग्रेस की सरकार आने पर दो से तीन साल के भीतर गैरसैंण -भराड़ीसैंण को स्थायी राजधानी बना दिया जाएगा।
रावत ने आज कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वहां जो विधानसभा भवन बना है वह उनके कार्यकाल में बना और इसे उन्होंने म्यूजियम नहीं बल्कि विधानसभा भवन बनाया है।
कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल की मौजूदगी में उन्होंने सरकार पर गैरसैंण को लेकर कई सवाल भी दागे। उन्होंने पूछा कि भाजपा सरकार ने इसको ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन सरकार यह बताये कि नौ महीने पहले ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के बाद सरकार यह बताये कि वहां मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, कमिश्नर जैसे बड़े अधिकारियों के साथ ही स्वयं मुख्यमंत्री व अन्य मंत्री कितने दिन ग्रीष्मकालीन राजधानी में बैठे।
हरीश रावत ने कहा कि सरकार यह बताये कि गैरसैंण क्षेत्र के विकास के लिए जो योजनाएं थी, उनकी प्रगति भी बताये और यह भी बताये कि 25 हजार करोड़ खर्च करके जो खयाली पुलाव पकाये गये थे, उन पर क्या हुआ। हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में गैरसैंण को राजधानी बनाने के मकसद से ही प्राधिकरण व उस क्षेत्र को जोडऩे के लिए कई सारी सड़कों की योजनाएं बनायी थी, लेकिन भाजपा सरकार ने पांच साल में उस पर कुछ भी नहीं किया।
उल्लेखनीय है कि गैरसैंण स्थायी राजधानी उत्तराखंड की राजनीति का राम मंदिर बन चुका है, लेकिन यह ऐसा राम मंदिर है, जिसे बनाने की बात तो सभी करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद फिर से हासिये पर चला जाता है। कभी गैरसैंण राजधानी की प्रबल समर्थक यूकेडी ने भी अब इस विषय को अपने चुनावी एजेंडे से बाहर कर दिया है।
पिछली त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का साहस तो दिखाया, लेकिन उसके बाद भाजपा के भीतर चली सत्ता की खींचतान में हुक्मरान यही भूल गये कि ग्रीष्मकालीन राजधानी से सरकार भी चलनी चाहिए। त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण को प्रदेश की तीसरी कमिश्नरी बनाने का भी ऐलान किया था, लेकिन उसके तुरंत बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया। बाद की सरकारों ने इस मामले को ही रद्दी की टोकरी में डाल दिया।
हरीश बोले, तुम छेड़ोगे तो हम छोड़ेगी नहीं
कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने भाजपा को आगाह किया है कि अगर कांग्रेस छेड़ा जाएगा तो कांग्रेस छोड़ेगी नहीं। यह बात उन्होंने दल बदल के सवाल पर कही।
रावत ने कहा कि कांग्रेस लोकतांत्रिक मर्यादाओं का सम्मान करती है और इसलिए अपनी ओर से ऐसा कोई प्रयास नहीं करेगी कि भाजपा के किसी विधायक तो तोड़े, लेकिन यदि भाजपा की ओर से ऐसा प्रयास होता है तो फिर कांग्रेस छोड़ेगी नहीं।
रावत ने भाजपा पर आरोप लगाया कि सैन्य परंपराओं का भी राजनीतिकरण किया जा रहा है। सैनिक सम्मान यात्रा में राज्यपाल को भी पैदल मार्च में शामिल करने की योजना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्यपाल से अनुरोध करती है कि वे राजनीति से निरपेक्ष रहते हुए राजभवन का सम्मान बनाये रखें।