देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत ने आपदा पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि यदि सरकार को 36 घंटे पहले चेतावनी दे दी गयी थी तो आखिर रुद्रपुर, हल्द्वानी से लेकर अन्य शहरों में ड्रेनेज सिस्टम क्यों फेल रहा।
रावत ने गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर ही प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 36 घंटे पहले ही चेतावनी दी गयी थी। उन्होंने कहा है कि प्राकृतिक प्रलय जैसी चेतावनी के बाद ड्रेनेज सिस्टम, रुद्रपुर-हल्द्वानी से लेकर के सभी शहरों में फेल रहा, लोगों के घर डूब गए।
दुकानें व सामान बर्बाद हो गया, तो इसका क्या अर्थ लगाया जाए कि राज्य सरकार ने आपदा से निपटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की थी।
दो स्थानों पर बचाव दल इसलिए नहीं पहुंच सका, क्योंकि पुल टूट गये, गाड़ियां नहीं निकल सकती थी। आपदा प्रबंधन में रस्सी का पुल बनाने की व्यवस्था रहती है।
एनडीआरएफ बहुत विलंब से पहुंच पाई और वो भी पूरी संख्या में नहीं पहुंची। आज के दिन भी दो-तीन शवों के मलबे में दबे होने की खबरें हैं।
ट्रैकर्स लापता हैं, पिंडारी से लेकर दूसरे ट्रैकिंग रूट्स में लोग फंसे पड़े हैं और यह तथ्य है कि बारिश के रुकने के लगभग 48 घंटे बाद भी फंसे हुए ट्रैकर्स को रेस्क्यू नहीं किया जा सका है।
उन्होंने कहा कि वे आपदा के वक्त सहयोग देने में विश्वास करते हैं, लेकिन अमित शाह के द्वारा जो सूचना दी गई है। उस सूचना के बाद वे यह बात प्रशासन तक पहुंचाना चाहते हैं कि आखिर चेतावनी के बाद भी कहां कमी रही।