देहरादून। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने आपदा प्रबंधन को लेकर राज्य सरकार की खिंचाई की है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि तमाम तरह की चेतावनी के बाद भी राज्य सरकार का अमला सोया रहा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, आपदा प्रबन्धन मंत्री व तमाम अधिकारी व सरकारी तंत्र मौसम विभाग की चार दिन पहले आई स्पष्ट चेतावनी के बावजूद सोये रहे।
जिसके कारण अब तक प्राप्त सूचनाओं के अनुसार 29 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। यही नहीं लोगों को जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। कई सरकारी व निजी भवन आपदा की भेंट चढ़ गये। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री भी मात्र फोन पर जानकारी लेकर रश्म अदायगी कर रहे हैं। गोदियाल ने कहा है कि आपदा मंत्री डा. धन सिंह रावत तो ‘जब रोम जल रहा था, नीरो बंशी बजा रहा था, की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बरसात शुरू होने से पहले ही राज्य के कई जनपदों में दैवीय आपदा से जानमाल का भारी नुकसान हो चुका है। राज्य सरकार द्वारा पीडि़तों को कोई सहायता नहीं दी गई। एक ओर कोरोना महामारी का दंश झेल रही जनता को दैवीय आपदा का दंश झेलना पड़ा रहा है परन्तु राज्य सरकार कानों में तेल डाल कर सो रही ही है। गोदियाल ने धामी सरकार के 10 दिन की उपलब्धियों पर भी कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के पांच साल निराशा जनक तथा सभी मोर्चों पर असफलता के मापदण्ड वाले, तीन मुख्यमंत्रियों के कीर्तिमान व मुख्यमंत्री धामी को 10 दिन में घोषणावीर के रूप में ही जनता जान पाई है।
उन्होंने कहा कि जितनी घोषणायें धामी ने की हैं उन्हें धरातल में उतारने के लिए न तो सरकार के पास साधन हैं और न इच्छा शक्ति नजर आती है। जो सरकार अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में कुछ न कर पाई हो उसने 10 दिन में क्या किया होगा यह जनता अच्छी तरह समझती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की नाकामी की वजह से हजारों लोगों को कोरोना से जान गंवानी पड़ी। वैक्सिनेशन पर भी सरकार ने दोहरा मापदण्ड अपनाया। न्यायालय ने राज्य सरकारों द्वारा ग्लोबल टैण्डर के माध्यम से खरीदी जाने वाली दवावों की अलग-अलग कीमतों पर भी केन्द्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। सरकार ने निजी चिकित्सा संस्थाआें को खुली छूट दे दी जिन्होंने मनमाने दाम पर वैक्सीन लगाई।
सरकार क्षति का आकलन कर किसानों को क्षतिपूर्ति करे : प्रीतम
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने आपदा से हुए नुकसान पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में आपदा से बहुत क्षति हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई लोगों की अकाल मृत्यु हो चुकी है और बहुत सारे किसानों की धान और अन्य फसल को क्षति हुई है। भाजपा सरकार को धान खरीद के परिप्रेक्ष्य में तैयार रहना था, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया, इसलिए किसानों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार को क्षति का आकलन कर किसानों को क्षतिपूर्ति करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें किसानों के नुकसान को बांटने का काम करना चाहिए।