नयी दिल्ली। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोवैक्सिन को ‘आपात स्थिति में उपयोग’ करने की मंजूरी देने की प्रक्रिया चल रही है और इसके पूरी होने के बाद इसे आपात सूची में शामिल कर लिया जाएगा।
डब्ल्यूएचओ ने एक श्रृंखलाबद्ध ट्वीट में कहा कि कोविड टीके कोवैक्सिन की निर्माता भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने टीके को मंजूरी देने के लिए आवश्यक आंकड़े और जानकारी सौंप दी हैं और डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ इसका विश्लेषण कर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कंपनी से आज एक और जानकारी मांगी हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा, हम इससे अवगत हैं कि बहुत सारे लोग कोवैक्सिन को ‘कोविड-19 आपात उपयोग सूची’ में शामिल करने की डब्ल्यूएचओ की सिफारिश की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन हम इसके लिये प्रक्रिया में ढील नहीं दे सकते।
किसी भी उत्पाद के आपात उपयोग की सिफारिश करने से पहले हमें इसका सुरक्षित और प्रभावी होना पूरी तरह से जांचना होगा।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि डब्ल्यूएचओ आपात उपयोग सूची में शामिल होने की प्रक्रिया की समयावधि इस पर निर्भर करती है कि मांगी गयी जानकारी संबंधित कंपनी कितनी शीघ्रता से उपलब्ध कराती है।
इससे डब्ल्यूएचओ टीके की गुणवत्ता, सुरक्षा, प्रभावशीलता और निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों के लिए उसकी उपयोगिता का मूल्यांकन करता है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार जब सभी प्रश्नों से संबंधित जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी तो डब्ल्यूएचओ और इसका तकनीकी परामर्श समूह इसका पूरा आकलन करेगा और कोवैक्सिन को मंजूरी देने के संबंध में अंतिम सिफारिश कर देगा।
कोविड टीका कोवैक्सिन पूरी तरह से भारत में निर्मित किया गया है। भारत बायोटेक बच्चों के लिए भी कोविड टीका बना चुकी है और इसे मंजूरी के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक को सौंप चुकी है। यह टीका दो वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों को लगाया जा सकता है।