नयी दिल्ली। भारत पहली बार जी-20 के शीर्ष नेताओं के सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी दी। प्रगति मैदान में इस समय नव-निर्माण चल रहा है। वहां नव विकसित प्रदर्शनी मंडप दो से पांच तक का आज उद्घाटन किया गया।
इसी अवसर पर गोयल ने बताया कि राजधानी में फिर से विकसित किया जा रहा नया प्रगति मैदान 2023 के जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
जी-20 में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किगडम और अमेरिका शामिल हैं।
जी-20 के देश इसमें अलग-अलग प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। जी-20 की अर्थव्यवस्थाएं विश्व अर्थव्यस्था में 80 प्रतिशत से अधिक और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 75-80 प्रतिशत योगदान करती हैं।
विदेश मंत्रालय ने गत सात सितंबर को घोषणा की थी कि भारत 2023 में जी-20 की मेजबानी करेगा। गोयल इसके लिए भारत के शेरपा बनाए गए हैं। वह जी-20 के व्यापार मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने इटली गये थे।
भारत 1999 में जी-20 की शुरुआत से ही इसका सदस्य है और एक दिसंबर 2022 को पहली बार जी-20 की अध्यक्षता जिम्मेदारी संभालेगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ही प्रगति मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हो कर पीएम गतिशक्ति-राष्ट्रीय वृहद योजना का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने वहां नये विकसित प्रदर्शनी मंडप दो से पांच तक का उद्घाटन भी किया।
भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) द्वारा आयोजित किया जाने वाला वार्षिक अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला इस बार 14 से 27 नवंबर तक इन्हीं नव विकसित मंडपों में ही आयोजित किया जाएगा। नया प्रगति मैदान अत्याधुनिक प्रदर्शनी मंडपों, सभा-मंडपों और मनोरंजन सुविधाओं के साथ खड़ा होगा। गोयल ने बताया कि प्रगति मैदान में आठ प्रदर्शनी मंडप बनाए जा रहे हैं।
विशाल परिसर में एक विशाल अंतरराष्ट्रीय सभा-मंडप (आईसीसी) भी होगा। नए प्रगति मैदान में एक साथ 8,000 वाहनों को खड़ा करने की क्षमता वाला भूमिगत पार्किंग स्थल भी होगा। प्रगति मार्ग में आने-जाने वाले मार्गों की नयी रचना की गयी है। इससे वहां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले जैसे बड़े आयोजनों के समय भैरों मार्ग और आसपास की सड़कों पर यातायात जाम की समस्या खत्म होगी।