नयी दिल्ली। पाक आतंकी को 14 दिनों की पुलिस (Police)हिरासत में भेज दिया गया।दिल्ली पुलिस ने अदालत से आरोपियों की हिरासत की मांग की थी, ताकि वे इस त्योहारी सीजन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की पूरी साजिश का खुलासा कर सकें।
गिरफ्तार किए गए आतंकवादी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। जांच से जुड़े अधिकारियों ने आईएएनएस को यह जानकारी दी।एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, संदिग्ध आतंकवादी को पाकिस्तान की आईएसआई के इशारे पर त्योहारी सीजन के दौरान आतंकी हमले करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाह ने बताया कि आरोपी पाकिस्तानी नागरिक को आईएसआई ने पाकिस्तान के सियालकोट में कम से कम छह महीने तक प्रशिक्षण दिया था।नासिर नाम के एक आईएसआई हैंडलर ने उसे भारत में विध्वंसक गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल के रूप में काम करने के लिए प्रेरित किया था।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “2004 में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, आरोपी आतंकवादी, मोहम्मद अशरफ उर्फ अली, बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी सीमा के माध्यम से भारत में प्रवेश करने में कामयाब रहा। अली को सोमवार को रात करीब साढ़े नौ बजे लक्ष्मी नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारी के अनुसार, अली, जिसने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके फर्जी भारतीय पहचान पत्र प्राप्त किए थे, शास्त्री नगर में अली अहमद नूरी के नाम से एक भारतीय नागरिक के रूप में रह रहा था।
कुशवाहा ने कहा, गिरफ्तारी के समय, पुलिस ने कई अन्य हथियारों और गोला-बारूद के साथ एक एके 47 बरामद की है।उसके पास से एके-47 के अलावा दो मैगजीन, 60 जिंदा कारतूस, एक हथगोला और दो पिस्टल सहित 50 कारतूस बरामद हुए हैं।
अधिकारी ने कहा कि अली को यूएपीए अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।विशेष रूप से, राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस त्योहारी सीजन के कारण पहले से ही हाई अलर्ट पर है।
एक शीर्ष अधिकारी ने हाल ही में आईएएनएस से बात करते हुए कहा था, “त्योहारों के मौसम के दौरान बाजारों, मंदिरों और वाणिज्यिक परिसरों में लोगों की भारी भीड़ होती है। लोगों की इस भीड़ का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा ऐसी जगहों पर आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए किया जा सकता है।