टिकट की लंबी फेहरिस्त होने से जिले में धड़ों में बंटी दिख रही भाजपा

कांग्रेस व अन्य दल पहले से तय चेहरों पर ही फिलहाल जता रहे भरोसा

  • विधान सभा चुनाव को लेकर भाजपा,कांग्रेस व अन्य कई राजनैतिक दल हुये सक्रिय
  • जिले की पुरोला, यमुनोत्री व गंगोत्री विधान सभा की वर्तमान स्थिति पर आधारित रिर्पाेट

शिव सिंह थलवाल

उत्तरकाशी। विधान सभा चुनाव 2022 के चुनाव के लिये अब कुछ ही महीनें शेष है। यह देखते हुये कांग्रेस,भाजपा समेत विभिन्न राजनैतिक दल चुनावी तैयारी को लेकर सक्रिय हो गये है और दावेदारो ने चुनाव लड़ने की ताल ठोकनी शुरू कर दी है।

जिले के तीन विधान सभा सीटों से टिकट को लेकर खासकर भाजपा के बीच घमासान हो रहा है,जिससें जिले में टिकट को लेकर भाजपा कई धड़ों में बंटी दिखाई दे रही है। कांग्रेस व अन्य दल पहले से टिकट के लिये तय चेहरे पर ही फिलहाल भरोसा जता रहे है।

सीमांत जनपद उत्तरकाशी में गंगोत्री, यमुनोत्री व पुरोला तीन विधान सभा सीटें है। 2017 में विधान सभा चुनाव में गंगोत्री और यमुनोत्री विधान सभा सीटों पर भाजपा के विधायक चुने गये, जबकि अनुसूचित जाति के आरक्षित पुरोला विधान सभा सीट पर कांग्रेस पार्टी का विधायक चुना गया है।

वर्तमान में इस सीट पर कांग्रेस से विधायक चुने गये राजकुमार भाजपा में शामिल हो गये। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है,जिससे यह क्षेत्र फिलहाल प्रतिनिधित्व विहीन है।

कांग्रेस विधायक के भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा से पूर्व विधायक राजेश जुवांठा, मालचंद व पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा अमीचंद शाह , दुर्गेश लाल आदि पार्टी से टिकट की दावेदारी कर रहे है तथा कुछ तो टिकट न मिलने की स्थिति में निर्देलीय चुनाव लड़ने तक की बात कर रहे है, जबकि एक आध दावेदार भाजपा से टिकट न मिलने पर कांग्रेस का दामन थाम सकते है। कांग्रेस पार्टी के पास पुरोला विधान सभा सीट फिलहाल पूर्व पालिकाध्यक्ष प्यारे लाल हिमानी ही एक मात्र प्रत्याशी दिखाई दे रहा है।

कांग्रेस को भाजपा में टूटन होने की पूरी संभावना है तथा वह भाजपा से कांग्रेस में शामिल होने व्यक्ति को भी चुनाव के एन वक्त टिकट दे सकती है। बताया जा रहा है कि भाजपा के कुछ लोग अभी से कांग्रेस के संपर्क में है। जिले की यमुनोत्री विधान सभा सीट पर भी भाजपा से कई लोग टिकट की दावेदारी जता रहे है।

इस सीट पर वर्तमान भाजपा विधायक केदार सिंह रावत, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान, जोगेंद्र भंडारी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसोदा राणा, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राम सुंदरनौटियाल आदि टिकट के दावेदार बताये जा रहे है। इनमें से कई लोग खुलकर अपनी दावेदारी भी जता चुके है।

विधान सभा सीट से हाल ही में भाजपा में शामिल हुये पूर्व मंत्री व धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार भी चुनाव लड़ सकते है। हालांकि अभी उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले है,लेकिन विधान सभा क्षेत्र में उनके चुनाव लड़ने की चर्चायें जोर पर है। प्रीतम पंवार यदि यमुनोत्री से चुनाव लड़ते है तो विधायक केदार सिंह रावत का टिकट कटना तय माना जा रहा है। इस सीट पर कांग्रेस से फिलहाल एक मात्र संजय डोभाल दावेदार बताये जा रहे है।

संजय डोभाल ने 2017 में कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे। वे फिर से इस सीट पर कांग्रेस से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे है। उन्होंने इसके लिये विधानसभा क्षेत्र में जन संपर्क भी तेज कर दिया है। इस सीट पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रकाश रमोला और वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण भी चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे है।

प्रकाश रमोला ने 2017 में भी निर्दलीय चुनाव लड़ा तथा इस दौरान वे चुनाव हार गये थे। वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण अध्यक्ष बनने के बाद से ही विधान सभा क्षेत्र में डेरा जमाये हुये है। वे गरीब असहाय लोगों की आर्थिक मद्द भी कर रहे है और निर्दलीय चुनाव लड़ने की ताल ठोक रहे है। जिले की गंगोत्री विधान सभा सीट से भी भाजपा के एक दर्जन लोग पार्टी से टिकट की दावेदारी जता रहे है,जबकि कांग्रेस से एक मात्र पूर्व विधायक विजय पाल सिंह सजवाण ही दावेदार है।

वे पिछले कई महीनों से जनसंपर्क करने में जुटे है। भाजपा से पूर्व विधायक की पत्नि शांति रावत, पूर्व प्रमुख सुरेश चैहान, भाजपा के पूर्व जिला  संयोजक जगमोहन सिंह रावत,चारधाम विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सूरत राम नौटियाल, पूर्व भाजपा अध्यक्ष बुद्धि सिंह पंवार, जिला पंचायत सदस्य चंदन पंवार, पूर्व जिला पंचायत सदस्य पवन नौटियाल, गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेंद्र बिष्ट, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चैहान, सुधा गुप्ता, मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी किशोर भट्ट,रावल हरीश सेमवाल आदि दर्जन भर लोग टिकट के लिये दावेदारी जता रहे है।

विधान सभा क्षेत्र से आप के मुख्यमंत्री के चेहरे कर्नल अजय कोटियाल के चुनाव लड़ने की चर्चायें भी जोरों पर है,जिससे इस सीट का चुनाव दिलचस्प हो सकता है। गंगोत्री के विधायक गोपाल सिंह रावत का 6 माह पहले आकस्मिक निधन होने से गंगोत्री विधान सभा क्षेत्र वर्तमान समय में प्रतिनिधित्व विहीन बना हुआ है। विधायक स्व. गोपाल सिंह रावत की पत्नि शांति रावत भाजपा से टिकट के लिये दावेदारी कर अपने पति के विकास कार्याें को आधार मानकर चुनाव में लड़ने की बात कर रही है।

कुल मिलाकर जिले की पुरोला, यमुनोत्री और गंगोत्री विधान सभा सीटों से टिकट के लिये सबसे अधिक दावेदार सत्ताधारी पार्टी भाजपा से ही है,जिससे जिले में भाजपा टिकट को लेकर फिलहाल कई धड़ों में बंटती दिखाई दे रही है।

कांग्रेस व अन्य दल पहले से ही चर्चित चेहरे टिकट के लिये दावेदारी बताये जा रहे है,जिससे फिलहाल इन दलों में भाजपा की अपेक्षा एकजुटता अधिक दिखाई दे रही है। भाजपा की ओर से टिकट के लिये दावेदारी कर रहे सभी लोग हलांकि यह भी कह रहे है कि संगठन का शीर्ष नेतृत्व जिस भी व्यक्ति को टिकट देगा वे उसको जीताने के लिये काम करेंगे,लेकिन जिस तरह से टिकट पाने के लिये धड़ों में होड़ सी लगी है,उससे चुनाव के समय सभी लोगों के एक साथ होना संभव नहीं लग रहा है और इससे भाजपा को चुनाव में भीतर घात के सामना करने के लिये तैयार रहना होगा।

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