पर्वतीय क्षेत्रों में निजी अस्पताल खोलने पर सरकार देगी सहयोगः डॉ. धनसिंह रावत
सूचीबद्ध अस्पतालों में लगेंगे आयुष्मान भारत योजना के जानकारी वाले बोर्ड
- मीडिया व लाभार्थियों के सुझावों को योजना में शामिल करेगा विभाग
- योजना के बेहत्तर संचालन के लिए निजी और सरकारी अस्पतालों को किया सम्मानित
देहरादून।चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में निजी अस्पताल खोलने पर सरकार मानकों में शिथिलता प्रदान करने के साथ ही आर्थिक सहयोग भी करेगी। जबकि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सभी सूचीबद्ध अस्पतालों में योजना संबंधी जानकारी के बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाने होंगे। ताकि योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके। आयुष्मान कार्ड से वंचित लोगों के लिए विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर शिविरों का आयोजन किया जायेगा।
यह बात स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर विभाग द्वारा देहरादून में आयोजित ‘आरोग्य मंथन-3.0’ कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि आज भी राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बेहत्तर चिकित्सा सेवाओं की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने देश के नामी अस्पतालों के संचालकों से राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में आधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल खोलने की अपील की। उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थानों सरकार नियमों में शिथिलता के साथ ही आर्थिक सहायता देने पर भी विचार कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ सभी प्रदेशवासियों को देने के लिए प्रतिबद्ध है।
ब्लॉक स्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाने के आयोजित किये जायेंगे शिविर
इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही ब्लॉक स्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाने के शिविर आयोजित किये जायेंगे। इसके अलावा योजना से अच्छादित सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों को अपने परिसर में योजना संबंधी बोर्ड लगाने होंगे। उन्होंने बताया कि अभी तक इस योजना के अंतर्गत 3 लाख 42 हजार से अधिक लोगों को लाभ मिल चुका है। जिस पर सरकार द्वारा 461 करोड़ रूपये खर्च कर चुकी है। कोविड-19 संक्रमण के दौरान पूरे प्रदेश में 2723 लोगों का उपचार इस आयुष्मान कार्ड के माध्यम से किया गया है। सर्वाधिक लाभ किडनी तथा कैंसर के रोगियों को प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि मीडिया एवं योजना के लाभार्थियों से प्राप्त सुझावों को इस योजना में शामिल किया जायेगा ताकि भविष्य में अन्य मरीजों बेहत्तर चिकित्सा सेवा मिल सके।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्थानीय विधायक विनोद चमोली ने कहा कि इस योजना से सभी निजी एवं सरकारी अस्पतालों को जोड़ा जाना चाहिए, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि अस्पतालों का मुख्य ध्येय सेवा भाव होना चाहिए न कि व्यवसाय को बढ़ाना। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डी.के. कोटिया ने योजना के संचालन संबंधी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किये जाने पर राज्य ने पूरे देश में बेहत्तर स्थान हासिल किया है। योजना का लाभ आम जन तक पहुंचाने के लिए उन्होंने सभी से सहयोग की अपील की। कार्यक्रम में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्याधिकारी अरूणेन्द्र चौहान ने योजना का विस्तारपूर्वक प्रस्तुतिकरण दिया, साथ ही स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी एवं डॉ. पंकज पाण्डेय ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। आयुष्मान योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध ऐसे 12 अस्तपालों को सम्मानित किया गया जिन्होंने योजना के बेहत्तरीन संचालन में अग्रणी भूमिका निभाई।
जिसमें जिला अस्पताल गोपेश्वर, चम्पावत, टिहरी, उत्तरकाशी, सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल नैनीताल, बेस अस्तपाल कोटद्वार, बी.डी. पंडे जिला अस्पताल पिथौरागढ़, एच.जी. पंत महिला अस्पताल पिथौरागढ़, हंस फाउंडेशन जनरल अस्पताल पौड़ी, रामरती आई अस्पताल देहरादून, ब्रिजेश अस्पताल नैनीताल एवं जीवन अनमोल मल्टी स्पेश्लिटी अस्पताल चम्पावत शामिल हैं। इस दौरान चार दर्जन मीडिया कर्मियों एवं योजना के लाभार्भियों ने भी अपने अनुभव और सुझाव रखे।
इस अवसर पर देहरादून के महापौर सुनील उनियाल गामा, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, रेशम फेडरेशन के अध्यक्ष अजीत चौधरी, उत्तराखंड सहकारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मातबर सिंह रावत, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, डॉ. पंकज पाण्डे, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डी.के. कोटिया, अपर मुख्य कार्याधिकारी अरूणेन्द्र चौहान सहित विभागीय अधिकारी एवं दो दर्जन से अधिक योजना के लाभार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जे.सी. पाण्डे द्वारा किया गया।