चंडीगढ़ : पंजाब के सीएम पद से अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दे दिया। अमरिंदर ने कहा कि खुद को अपमानित महसूस कर रहा था जिसके बाद उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया। सिंह ने अपराह्न साढ़े चार बजे पंजाब राजभवन जाकर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को मंत्रिपरिषद का इस्तीफा सौंपा। चंडीगढ़ में राजभवन से बाहर निकल कर उन्होंने कहा, मैंने आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को कह दिया था कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं।
राजनीति का फैसला अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद
अपने भविष्य की राजनीति का फैसला अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करके जल्द ही करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, भविष्य की मेरी राजनीति क्या होगी, यह मैं अपने साथियों से विचार-विमर्श करके करूंगा। उन्होंने कहा, मैं अपने विकल्पों का उपयोग करूंगा। यह पूछे जाने पर कि क्या अब वह भारतीय जनता पार्टी में जा सकते हैं, उन्होंने कहा, आप कुछ भी कहते रहें, मैं कांग्रेस में हूं, 52 वर्षों की मेरी राजनीति है, मैं साढ़े नौ साल मुख्यमंत्री रहा हूं, अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करके आगे का फैसला करूंगा।
मेरे ऊपर शक, यह मेरे लिए अपमानजनक
सिंह ने कहा, जिस तरह पिछले दो महीने में मुझे तीन बार बुलाया गया, जिससे मुझे लगा कि मेरे ऊपर शक किया जा रहा है, यह मेरे लिए अपमानजनक था। उल्लेखनीय है कि श्री सिंह का पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री सिद्धू के साथ छत्तीस का आंकड़ा है और इसको लेकर वह आहत थे।
उन्होंने सुबह ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की थी और उन्होंने उन्हें बता दिया था कि वह पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह केवल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं लेकिन कांग्रेस में बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि गत दो माह में तीसरी बार विधायक दल की बैठक हो रही है। दो बार यह दिल्ली में और अब चंडीगढ़ में बुलाई गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी हाईकमान को उनकी कार्यक्षमता पर संदेह है।