हरीश रावत दाखिल न होने पर सरकार को घेरा

भाजपाइयों को दी नसीहत, कहें श्रीगणेश 

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने जमीन की रजिस्ट्रियों के दाखिल खारिज न होने पर सरकार को घेरा है। रावत ने कहा है कि सरकार सो रही है और सरकार में बैठे लोगों को जनता की कठिनाइयों से कोई मतलब नहीं है।
रावत ने कहा है कि यह विभाग मुख्यमंत्री का है। इसे उन्होंने राज्य सरकार की लापरवाही या अनिर्णय की स्थिति बताया है और कहा है कि हजारों लोग परेशान हैं। जनता की भूमि का दाखिल खारिज नहीं हो पा रहा है। उच्च न्यायालय का निर्णय है कि नगर निगम क्षेत्र में जमीनों के दाखिल खारिज राजस्व विभाग न करे परंतु तहसील से भूमि की खरीद की रजिस्ट्री नगर निगम कोई भेजने को राजी नहीं है। चार माह से अनिर्णय की स्थिति। हाई कोर्ट को मानें या अपील में जाएं सरकार को यह निर्णय लेने में चार माह लग गये।
रावत ने कहा है कि इससे जमीन घोटालों को बढ़ावा मिल रहा है। खरीदार ना तो नक्शा पास करवा रहे और ना बैंक लोन के लिए अप्लाई कर पा रहे हैं। राजस्व विभाग करे या नगर निगम जो भी करे, लेकिन जनता के सौदों पा दाखिल खारिज किया जाए। रावत ने कहा है कि उन्हें बताया गया है कि हजारों लोग परेशान हैं। रावत ने भाजपा प्रभारी प्रह्लाद जोशी के उस वक्तव्य पर भी चुटकी ली है, जिसमे जोशी ने  ऐसे लोगों को भाजपा की संस्कृति सीखने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि ये लोग साढ़े चार साल में भी संस्कृति नहीं सीख पाये क्या। रावत ने जोशी के द्वारा श्री गणेश पर दिए बयान पर भी पलटवार करते हुए कहा कि जय श्री गणेश उद्बोधन से भाजपा के स्थानीय और शीर्ष दोनों नेतृत्वों को परेशानी क्यों है। गणेश भारतीय जनजीवन के पथ प्रदर्शक हैं, विघ्नहर्ता हैं और यदि वे जय श्री गणेश कहते हैं तो भाजपा परेशान क्यों है। उन्होंने कहा है कि वे किसी के बदले कोई नारा नहीं लगाते हैं। रावत ने कहा है कि भगवान राम में भी हमारी अटूट आस्था है, हम अयोध्या के राजा रामचंद्र के परम भक्त हैं। उन्होंने कहा है कि उनके राम सबको अंगीकार करते हैं और भाजपा, राम के नाम का उद्बोधन राजनीति के लिये करती है। उन्होंने तंज किया है कि भाजपा वालों को उनकी सलाह है कि वे भी जय श्री गणेश कहना सीखें।

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