रांची : झारखंड के नगर ऊंटारी प्रखंड (श्री बंशीधर नगर) में मनरेगा योजना में लूट की खुली छूट मची हुई है। यहां बिना अभिलेख के पशु शेड की स्वीकृति देने के बाद अधिकांश पंचायतों में धरातल पर बिना काम किये ही मजदूरी मद में लगभग 62 लाख रुपये की राशि का भुगतान किये जाने का मामला उजागर हुआ है। जबकि अधिकांश पंचायतों में पशु शेड के नाम पर धरातल पर बुनियाद तक की खुदाई नहीं की गई है। यहां बताते चलें कि नगर ऊंटारी प्रखंड (श्री बंशीधर नगर) में मनरेगा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020/21 में 923 पशु शेड की स्वीकृति दी गई है।
स्वीकृति देने के पश्चात आनन फानन में राशि का भी भुगतान कर दिया गया। प्रखंड कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड के भोजपुर पंचायत में 7 लाख 38 हजार 225, बिलासपुर में 3 लाख 52 हजार 350, चित्तविश्राम में 8 लाख 50 हजार 500, गरबांध में 68 हजार 850, हलिवंता में 1 लाख 59 हजार 525, हुलहुला में 8 लाख 24 हजार 625, कधवन में 10 लाख 35 हजार 675 रुपये का भुगतान किया गया है। वहीं कोलझिकी में 68 हजार 400, कुम्बा खुर्द में 1 लाख 10 हजार 700, कुशडंड में 5 लाख 66 हजार 100, नरही में 6 लाख 31 हजार 800 एवं पिपरडीह में 8 लाख 6 हजार 400 रूपये का भुगतान मजदूरी मद में किया गया है।
जबकि अधिकांश पंचायतों में शेड निर्माण के लिये धरातल पर नींव तक की खुदाई नहीं की गई है। सबसे दिलचस्प बात है कि प्रखंड के भ्रष्ट पदाधिकारी एवं कर्मी मार्च लूट में इतना व्यस्त थे कि उन्हें न तो योजना से संबंधित अभिलेख संधारित करने की जरुरत थी और न ही तो काम की, उन्हें तो बस कमीशन की चिंता थी। वैसे भ्रष्ट पदाधिकारियों ने कमीशन के चक्कर में आनन फानन में योजना की स्वीकृति प्रदान कर सरकारी राशि की जमकर बंदरबांट कर दी।
कैसे हुआ खुलासा
लगभग डेढ़ दो माह पूर्व रोजगार सेवकों का ट्रांसफर पोस्टिंग हुआ था। ट्रांसफर पोस्टिंग के बाद पंचायतों में प्रभार आदान प्रदान करने के दौरान अधिकांश पंचायतों में पशु शेड का अभिलेख नहीं होने के कारण प्रभार बाधित हो गया।कर्मियों के द्वारा आनन फानन में अभिलेख तैयार किया गया उसके बाद प्रभार का आदान प्रदान हुआ। किंतु तीन पंचायतों कधवन, हलिवंता कला एवं गरबांध में अभिलेख अब तक तैयार नहीं होने के कारण रोजगार सेवकों के प्रभार लंबित हैं। प्रभार लंबित होने के कारण इन पंचायतों में विकास कार्य प्रभावित है।