लखनऊ । मुख्तार अंसारी से मायावती ने दूरी बना ली है।
आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट न देने का ऐलान भी कर
दिया है। सुश्री मायावती ने ट्वीट किया ‘‘ बीएसपी का अगामी यूपी
विधानसभा आमचुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली व
माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए। इसके मद्देनजर
ही आजमगढ़ मण्डल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार
अंसारी का नहीं बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष भीम राजभर
के नाम को फाइनल किया गया है।
बीएसपी का संकल्प ’कानून द्वारा कानून का राज, बसपा सुप्रीमो
जनता की कसौटी व उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के
तहत ही लिए गए इस निर्णय के फलस्वरूप पार्टी प्रभारियों से
अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात
का खास ध्यान रखें ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरूद्ध
सख्त कार्रवाई करने में कोई भी दिक्कत न हो। बसपा अध्यक्ष ने
कहा ‘‘ बीएसपी का संकल्प ’कानून द्वारा कानून का राज’ के साथ
ही यूपी की तस्वीर को भी अब बदल देने का है ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ जैसी तथा बीएसपी जो कहती है वह करके भी दिखाती है यही पार्टी की सही पहचान भी है। गौरतलब है कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड और फर्जी शस्त्र लाइसेंस समेत करीब 52 मुकदमो में निरूद्ध मऊ से बसपा विधायक मुख्तार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुछ महीने पहले पंजाब की रोपण जेल से बांदा जेल लाया गया था। राज्य की योगी सरकार के आदेश पर मुख्तार की कई अचल संपत्तियों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गयी है।
आपराधिक तत्वों को टिकट न देने से विधानसभा चुनाव के परिपेक्ष्य में देखा जा रहा है
बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाल ही में प्रबुद्ध सम्मेलन के पहले चरण के समापन में अपनी सरकार के आने का दावा करते हुये कानून व्यवस्था का राज और सर्व समाज के कल्याण समेत कई वादे किये थे। आपराधिक तत्वों को टिकट न देने के इस फैसले को विधानसभा चुनाव के परिपेक्ष्य में देखा जा रहा है। यहां दिलचस्प है कि कुछ रोज पहले मुख्तार के भाई सिबकतुल्लाह अंसारी ने सपा की सदस्यता ग्रहण की थी।