चीमा को हाईकोर्ट से झटका, आज से रोज सुनवाई का फैसला
नामांकन पत्र में शैक्षिक, आयु एवं आय प्रमाण पत्र में गलत तथ्य दिए जाने का आरोप
- पैन कार्ड में जन्मतिथि 8 जनवरी 1944 और पासपोर्ट में 7 अप्रैल 1946 की गई है दर्ज
नैनीताल । नैनीताल उच्च न्यायालय ने काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा के चुनाव को चुनौती देने वाली एक याचिका के मामले में करारा झटका दिया है। न्यायालय ने चीमा के प्रार्थना पत्र को अस्वीकार कर मंगलवार से नियमित सुनवाई का फैसला किया है। इस मामले में विधायक चीमा पर 2017 के विस चुनाव नामांकन में शैक्षिक, आयु एवं आय प्रमाण पत्रों में गलत जानकारी देने का आरोप है।
सोमवार को चीमा ने जनप्रतिनिधित्व कानून की के नियम 7/11 के तहत इस तरह की चुनाव याचिका को निरस्त करने का अनुरोध किया। न्यायालय ने चीमा के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। यह सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकल पीठ में चल रही है। गौरतलब है कि काशीपुर निवासी राजीव अग्रवाल ने उच्च न्यायालय में एक चुनाव याचिका दायर की है। इसमें काशीपुरभाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा द्वारा विस चुनाव 2017 के नामांकन पत्र में गलत तथ्य देने का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि विधायक के पैन कार्ड में जन्मतिथि 8 जनवरी 1944 लिखी गई है और पासपोर्ट में 7 अप्रैल 1946 लिखी गई है।
याचिका में विधायक पर सेल्स टैक्स की देनदारी की सूची को भी छिपाने का आरोप लगाया है। इसमें दस लाख रुपये देना बाकी हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले में चुनाव अधिकारी ने उनके प्रार्थना पत्र पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है। याचिकाकर्ता ने चीमा द्वारा गलत तथ्य पेश करने के आधार पर उनका निर्वाचन निरस्त करने का अनुरोध किया है।