नयी दिल्ली। अमित शाह की मौजूदगी में कार्बी आंगलोंग क्षेत्र में वर्षो से चल रही हिंसा को समाप्त करने के लिए असम सरकार, केंद्र और राज्य के पांच उग्रवादी समूहों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले उग्रवादी समूहों में केएएसी, कार्बी लोंगरी नार्थ कछार हिल्स लिबरेशन फ्रंट, पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी लोंगरी, यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर्स शामिल हैं।
इस समझौते के फलस्वरूप इन समूहों से जुड़े करीब 1000 उग्रवादियों ने अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हो गए हैं। इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कार्बी समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उग्रवाद मुक्त समृद्ध पूर्वोत्तर के दृष्टिकोण में एक और मील का पत्थर साबित होगा। शाह ने कहा, हम समझौतों की सभी शर्तों को अपने ही कार्यकाल में पूरा करते हैं और इन्हें पूरा करने का सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है।