नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने यूपीएससी को दरकिनार करके पुलिस महानिदेशक नियुक्ति की अनुमति संबंधी पश्चिम बंगाल की याचिका को ठुकरा दी। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की खंडपीठ ने डीजीपी की नियुक्ति में यूपीएससी की भागीदारी से छूट की अनुमति संबंधी याचिका की सुनवाई से इनकार कर दिया।
राज्य सरकार ने पुलिस सुधारों को लेकर ‘प्रकाश सिंह’ मामले में शीर्ष अदालत के 2018 के आदेश में संशोधन को लेकर हस्तक्षेप याचिका दायर की। राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी कि पुलिस अधिकारियों की निगरानी का राज्य सरकार को अधिकार होता है। लेकिन शीर्ष अदालत का नकारात्मक रुख देखकर उन्होंने याचिका वापस लेने की अनुमति देने का अनुरोध खंडपीठ से किया, जिसे उसने स्वीकार कर लिया।
न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को पुलिस सुधार से संबंधित मुख्य मामले में पक्षकार बनने की इजाजत भी दे दी। सुनवाई के दौरान पुलिस सुधार मामले के मुख्य याचिकाकर्ता प्रकाश सिंह की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने न्यायालय से सुनवाई यथाशीघ्र सुनने का अनुरोध किया, इस पर खंडपीठ ने अक्टूबर में सुनवाई का निर्णय लिया।