ऊखीमठ। नगर पंचायत के ओंकारेश्वर वार्ड में बंदरों ने एक महिला पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। पीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद महिला को बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर किया गया है, जहां महिला की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
बता दें कि ऊखीमठ क्षेत्र में बंदरों का खासा आतंक बना हुआ है। ग्रामीण महिलाओं और स्कूली बच्चों का घरों से बाहर निकलना ही मुश्किल हो गया है। बीते बुधवार देर शाम को 56 वर्षीय नर्वदा देवी अपने घर के आंगन में टहल रही थी। इसी दौरान बंदरों ने पेड़ से कूदकर उन पर हमला कर दिया। जब तक वे संभल पाती बंदरों ने उनके सिर पर नाखून से गहरे जख्म कर दिए। उनके जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज पर परिजन व अन्य लोगों ने शोर मचाया, तब बंदर भाग खड़ा हुआ। लहूलुहान महिला को परिजनों द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उपचार करते हुए उन्हें बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर कर दिया। महिला के सिर पर कई टांके आए हुए हैं। बता दें कि विगत डेढ़ माह पूर्व नगर पंचायत, तहसील प्रशासन, वन पंचायत व वन विभाग की ओर से बंदरों को पकड़ने का अभियान चलाया गया, लेकिन अप्रशिक्षित होने के कारण सफलता नहीं मिल पाई और अभियान को बंद करना पड़ा। वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार मामले को गम्भीरता से नहीं ले रही है। इसलिए अब आंदोलन की तैयारी की जायेगी। स्थानीय व्यापारी नवदीप सिंह नेगी ने बताया कि बंदरों के आतंक से स्कूली बच्चों व ग्रामीणों का पैदल मार्गों पर चलना मुश्किल हो गया है तथा परिजनों को स्कूली नौनिहालों को घरों से स्कूल तक छोड़ने के लिए जाना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी पूनम नौटियाल ने बताया कि बंदरों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, जिससे स्कूली नौनिहालों व ग्रामीणों में भय बना हुआ है। भटवाडी निवासी प्रकाश रावत ने बताया कि अब बंदरों का आतंक गांवों में तेजी से बढ़ता जा रहा है और बंदरों के आतंक से काश्तकारों का खेती बाड़ी के प्रति मोह भंग होता जा रहा है। स्थानीय व्यापारी अर्जुन रावत ने बताया कि बंदरों का आतंक से लोग घरों से निकलने के लिए कतरा रहे हैं। वन पंचायत सरपंच पवन राणा ने कहा कि तहसील मुख्यालय में बंदरों के आतंक के कारण लोग दहशत में हैं।