देश में पहली बार गवाही लेने के लिए गांव-ब्लॉक तक आएगा न्यायालय

15 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश पांच ‘मोबाइल ई-कोर्ट’ का करेंगे शुभारंभ, ऐसी सुविधा देने वाला देश का पहला राज्य होगा उत्तराखंड

नैनीताल। उत्तराखंड में अब न्यायालयी मामलों के लिए होने वाली गवाहों-साक्ष्यों को गवाही उनके गांव, ब्लॉक में भी हो सकेगी। आवेदन किये जाने पर इंटरनेट सहित सभी अत्याधुनिक व आवश्यक सुविधाओं के साथ ‘मोबाइल ई-कोर्ट’ उनके पास तक पहुंचेगी और वहीं से गवाह वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में अपनी गवाही दे सकेंगे। ऐसी सुविधा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखंड देश में पहला राज्य होगा। आगामी 15 अगस्त को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान उच्च न्यायालय परिसर से पांच ‘मोबाइल ई-कोर्ट’ का श्रीगणेश करेंगे।
शुक्रवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय परिसर में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी ने पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। बताया कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चौहान ने तेलंगाना में कार्यरत रहते हुए लॉकडाउन के दौरान वादों की सुनवाई के लिए अधिवक्ताओं व वादकारियों हेतु ‘वर्चुअल मोबाइल न्यायालय’ की सुविधा शुरू की थी, पर जिस तरह की सुविधा उत्तराखंड गवाहों के लिए देने जा रहा है, वैसा देश के किसी भी राज्य में नहीं हो रहा है। इस सुविधा का लाभ पहले चरण में राज्य सरकार से मिली पांच मोबाइल वैन के जरिए प्रदेश के पांच दूरस्थ पर्वतीय जनपदों-चंपावत, पिथौरागढ़, टिहरी, चमोली व उत्तरकाशी में शुरू की जाएगी।
इनके जरिए किसी कारण न्यायालय न आ पाने वाले पुलिस के अधिकारी, चिकित्सा आदि अन्वेषण साक्ष्यों के साथ ही महिलाओं, बच्चों एवं शारीरिक रूप से अक्षम एवं न्यायालय आने में किसी तरह के खतरे में आने वाले लोग स्थानीय पैरा विधिक स्वयं सेवी-पीएलवी, सम्मन तामील कराने वाले राजस्व या पुलिस कर्मी, ग्राम प्रधान या ग्राम विकास अधिकारी आदि के माध्यम से लिखित आवेदन कर अपने स्थान से ही न्यायालय में अपने साक्ष्य उपलब्ध करा सकेंगे और गवाही दे सकेंगे। इस योजना के प्रभारी उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार-कम्प्यूटर अंबिका पंत ने उम्मीद जताई कि इस सुविधा से साक्ष्यों-गवाहों को तो लाभ मिलता ही, उन्हें न्यायालय आने में समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा, साथ ही अदालतों में भी नियत दिन पर गवाही के साथ मामले में कार्रवाई हो सकेगी और न्यायालयों पर वादों का दबाव कम होगा।

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