राकेश प्रजापति
भोपाल : मध्यप्रदेश में 3 विधान सभा सीटों और एक लोकसभा चुनाव की तैयारियों को पुख्ता करने में जुटी कांग्रेस की किलेबंदी में सेंध लगती नजर आ रही है । वरिष्ठ नेताओं के वर्चस्व की लड़ाई में यह किला कभी भी ढह सकता है । वह चुनाव से पहले झटका वैसा ही हो सकता है जैसा ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने लगा था । भाजपा चुनाव में जीत के दावेदार कांग्रेस नेताओं के संपर्क में है। और ऑपरेशन लोटस की फिराक में है मोके की तलाश और उचित समय मे कांग्रेश में बगाबत से भाजपा की राह आसान हो जाएगी ।
परन्तु वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने मोर्चा सम्हाल लिया है वे भाजपा की ऐसी किसी योजना को फलीभूत नही होने देंगे आब यह वक्त ही बताएगा कि शतरंज की इस चुनाबी बाजी में कौंन बाजी ले जाता है ।
बता दें कि पृथ्वीपुर विधानसभा की सीट कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन से रिक्त हुई है राठौर कछावर नेता थे और अपने संपर्कों के बल पर चुनाव जीते रहे हैं उनके निधन से सहानुभूति राठौर परिवार के प्रति यहां से संभावित प्रत्याशी उनके बेटे नितेंद्र सिंह राठौर है तीन-चार दिन पहले भाजपा नेताओं ने नितेंद्र से मुलाकात की है।
बताते चलें कि उधर खंडवा लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव की तगड़ी दावेदारी है और भाजपा के पास विकल्प का अभाव है लेकिन अरुण यादव को लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ सहज नहीं है उन्होंने निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को आगे किया है शेरा ने अपनी पत्नी के लिए टिकट मांगा है अरुण यादव इससे नाराज है और प्रदेश कांग्रेस की बैठकों से दूर है भाजपा नेता उनसे चर्चा कर रहे हैं।