उत्तराखंड : पुष्कर सिंह धामी सूबे के 11वें मुख्यमंत्री

भारतीय जनता पार्टी का युवा चेहरे खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी पर दांव

  • पुष्कर सिंह धामी रविवार को पांच बजे के करीब मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे

देहरादून। भारतीय जनता पार्टी ने इस बार लगभग 45 साल के कुमाऊं के युवा चेहरे पर दांव खेला है। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद से तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद अब पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री होंगे।

उत्तराखंड : पुष्कर सिंह धामी सूबे के 11वें मुख्यमंत्रीउनके नाम पर आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में विधानमंडल दल की बैठक में मुहर लगा दी गई। पुष्कर सिंह धामी रविवार को शाम पांच बजे के करीब मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वैसे अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह अकेले शपथ लेंगे या पूरा मंत्रिमंडल उनके साथ शपथ लेगा।
शनिवार दोपहर बाद तीन बजे से पर्यवेक्षक एवं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की उपस्थिति में भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में निवर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पुष्कर सिंह धामी नाम का प्रस्ताव रखा। जिस पर सभी विधायकों ने हामी भरी।

हालांकि यह केवल औपचारिकता थी क्योंकि पुष्कर सिंह धामी का नाम पहले ही फिजाओं में तैरने लगा था सूत्र बताने लगे थे कि भाजपा आलाकमान उनका नाम तय कर चुका है।
बता दें कि निवर्तमान सीएम तीरथ सिंह रावत की विदाई की खबरें फैलने के साथ सियासी हलकों में सीएम पद के दावेदारों के नाम सामने आने लगे थे। शुरू में भाजपा के सांसद अनिल बलूनी और अजय भट्ट के नाम भी तैर रहे थे मगर जब यह साफ हो गया कि विधायकों में से ही सीएम चुना जाएगा तो कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल, राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, यमकेश्वर विधायक ऋतु खंडूड़ी आदि के नाम चर्चा में आने लगे।

पुष्कर सिंह धामी का नाम भी चर्चा में था लेकिन सियासी हलकों में उसे बहुत तवज्जो नहीं दी गई । शनिवार सुबह तक महाराज और धन सिंह रावत को दौड़ में आगे बताया जा रहा था । चर्चाएं थी कि रहा था कि महाराज की पैरवी संघ प्रमुख मोहन भागवत कर रहे हैं। पर सुबह ही संकेत आने लगे कि भाजपा आलाकमान कुमाऊं में अपनी कमजोर सियासी जमीन को देखते हुए कुमाऊं से ही किसी युवा चेहरे का चुनाव करने वाला है। अंतत: भाजपा आलाकमान में फिर से चौंकाते हुए अनुभवी विधायकों को दरकिनार करते हुए युवा चेहरे को तवज्जो दी और पुष्कर सिंह धामी को सूबे की कमान देने का फैसला कर लिया।

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