देहरादून। डा इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद से प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता का पद रिक्त हो गया है। विधानसभा में कांग्रेस का नेता कौन होगा इसका फैसला रविवार को होने की उमीद है ।नेता प्रतिपक्ष को लेकर दिल्ली में प्रदेश प्रभारी के नेतृत्व में एक बैठक होनेवाली है। नेता प्रतिपक्ष बनाया जाने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह हरीश रावत समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है।
27 जून को नेता प्रतिपक्ष के नाम पर लगा सकता है मोहर
माना जा रहा है कि 27 जून को कांग्रेस हाईकमान नेता प्रतिपक्ष के नाम का मोहर लगा सकती है। अगला नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसके लिए कांग्रेस के भीतर भी जहां एक तरफ कयासों का दौर जारी है तो वहीं नए नेता प्रतिपक्ष को लेकर सियासी गुणा भाग भी तेज हो गया है।
कांग्रेस अब जातीय संतुलन के स्थान पर क्षेत्रीय संतुलन और अन्य समीकरणों को साधकर काम चलाने की तैयारी में है। खास बात ये है कि मौजूदा 10 विधायकों में से पार्टी के पास अब एक भी ब्राहमण विधायक नहीं है।
नए गुणा भाग में जुटे हरीश रावत
मौजूदा वक्त में सियासी दल गढ़वाल एवं कुमाऊं का संतुलन बनाते हुए अपनी रणनीति तय करते हैं। मौजूदा वक्त में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह गढ़वाल से हैं।
एक तरफ हरीश रावत का खेमा है तो दूसरी ओर प्रीतम सिंह का। अब नेता प्रतिपक्ष तय करने में हरीश रावत की चलती है या फिर प्रीतम सिंह की ये तो देखना दिलचस्प होगा। लेकिन, ये माना जा रहा है कि हरीश रावत किसी नए गुणा भाग में भी जुटे हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि तय कांग्रेस आला कमान को करना है। चर्चा ये भी है कि बदले हुए समीकरण में कांग्रेस में सांगठनिक स्तर पर भी बदलाव देखा जा सकता है।