वात्सल्य योजना प्रभावी तरीके से लागू की जाए : राधा रतूड़ी
एक सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाए : हरिचंद्र सेमवाल
देहरादून । अनाथ बच्चों के लिए वात्सल्य योजना बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें कहीं से भी कोताही नहीं बरती जाए। सााथ ही आगामी एक सप्ताह के अंदर अनाथ हुए बच्चों की विस्तृत रिपोर्ट जिसमें माता-पिता और संरक्षकों के मृत्यु प्रमाण पत्र भी शामिल हैं, महिला बाल विकास को भेजा जाए।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए जिलाधिकारियों को पंचायतीराज निदेशालय से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए यह महत्वपूर्ण आदेश दिए। राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए।
उन्होंने कहा कि इस योजना को पूरी तरह से व्यवहारिक बनाना होगा। इसको लेकर उन्होंने जिलाधिकारियों से सुझाव भी मांगे। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कोविड-19 तथा अन्य बीमारियों की वजह से 1 मार्च, 2020 से 31 मार्च 2022 की अवधि में अपने माता -पिता के अलावा संरक्षक की मृत्यु से प्रभावित जन्म से 21 वर्ष तक की आयु के बच्चों को राज्य एवं भारत सरकार की समस्त योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के साथ दिलावाने की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी प्रभावित बच्चों को उनके मृतक माता,पिता और संरक्षक के बैंक एकाउंट ,एफडी और /इनश्योरेंस प्लॉन का लाभ प्रदान दिलवाएं। साथ ही जरूरत के मुताबिक आवास योजना का लाभ,बच्चों को रोजगार प्रदान करने लिए कौशल विकास योजनाओं की जानकारी भी दें।
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी जनपदों में एक एक अधिकारी नामित करें जो प्रभावित बच्चों को अपना संरक्षण प्रदान कर उसे समस्त योजनाओं का लाभ प्रदान कराएं। साथ ही प्रतिमाह बच्चे की प्रगति व्यक्तिगत रूप से मिलकर सुनिश्चित करें। इसके अलावा वर्तमान समय में महिला कल्याण के पंजीकृत तथा बाल गृहों में रहने वाले अनाथ बच्चों को राजकीय सेवाओं में आरक्षण उपलब्ध है।
इसके लिए भी प्लानिंग की जाए। उन्होंने कहा कि महिला कल्याण निदेशालय स्तर पर प्रत्येक जनपद में ईमेल, आईडी तैयार की गयी है। जिसके माध्यम से मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के आवेदन पत्र आनलाइन और आफ लाइन भी प्राप्त किए जा सकते हैं।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने जिलाधिकारियों से कहा कि प्रभावित बच्चों के बारे में विस्तृत जानकारी एक सप्ताह में सत्यापन करके भेजें। इसमें जरूरत पडऩे पर जनप्रतिनिधियों की मदद भी ली जाए।
जिलाधिकारी चंपावत ने कहा कि कोविड-19 एवं अन्य बीमारियों के अलावा आपदा एवं दुर्घटनाओं में माता पिता की मृत्यु से प्रभावित बच्चों को भी इस योजना में शामिल करने पर विचार किया जाए। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने कहा कि दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया को और ज्यादा सरल बनाया जाए। वीडियो कांफ्रेसिंग में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के सचिव हरिचंद्र सेमवाल के अलावा प्रशांत आर्य,गिरधारी सिंह रावत,अंशिका स्वरूप ,मोहित चौधरी,अंजना गुप्ता,अखिलेश मिश्रा और एसके सिंह सहित कई अधिकारी भी मौजूद थे।