नैनीताल।हरिद्वार महाकुंभ में कोरोना की जांच में फर्जीवाड़ा का मामला उच्च न्यायालय पहुंच गया है। आरोपी एजेंसी मैक्स कारपोरेट सर्विसेज की ओर से मामले को चुनौती दी गयी है। कंपनी का कहना है कि वह इस मामले में निर्दोष है। इस प्रकरण पर सोमवार या मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरिगुप्ता ने यह जानकारी दी।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार को याचिका दायर की गयी है। याचिका में मैक्स सर्विसेज की ओर से प्रथम सूचना रिपोर्ट की वैधता को चुनौती दी गयी है। जिसमें कुंभ मेला के दौरान रैपिड एंटीजन परीक्षण के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता मैक्स सर्विसेज की ओर से कहा गया है कि वह इस मामले में निर्दोष है। वह सेवा प्रदाता है।
उसने कुंभ मेला के दौरान रैपिड एंटीजन परीक्षण के लिये राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाओं से अनुबंध किया है। नलवा लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड एवं डॉ. लाल चंदानी लैब्स लिमिटेड भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से मान्यता प्राप्त हैं। नकली जांच में उसकी कोई भूमिका नहीं है। वह सिर्फ सेवा प्रदाता है। अनुबंध के अनुसार उसने इन दो कंपनियों के माध्यम से परीक्षण की सुविधा दी है। सभी डाटा और नमूना स्वास्थ्य अधिकारियों के पर्यवेक्षण में किये जाते हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से पुलिस कार्यवाही रोकने की मांग की गयी है और कहा गया कि जांच में सहयोग को तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि महाकुंभ में कोरोना की नकली जांच का मामला सामने आने के बाद हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) की ओर से मैक्स कारपोरेट सर्विसेज के खिलाफ कुछ दिन पहले अभियोग पंजीकृत किया गया है।