वीरभूमि के 37 युवाओं ने की कदमताल, बढ़ाया सूबे का मान
लगभग सभी जिलों का रहा प्रतिनिधित्व, अपने अंदाज में बयां की खुशी
देहरादून । मातृभूमि की रक्षा की बात जब भी होती है तो इसमें उत्तराखंडी लाल हमेशा पहली पंक्ति में खड़े दिखते हैं। वतन की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौच्छावर करना देवभूमि के रणबांकुरों की सालों पुरानी परंपरा रही है।
सेना में सिपाही का रैंक पर हो या फिर अधिकारी, इनमें उत्तराखंड का दबदबा अब भी कायम है। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर उत्तराखंड के 37 युवा शनिवार सुबह को पास आउट होकर बतौर लेफ्टिनेंट सेना का अभिन्न अंग बन गए हैं।
इन युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। यूं कहा जा सकता है कि सूबे की युवा ब्रिगेड वीरभूमि की सैन्य परंपरा को निरंतर आगे बढ़ाकर राज्य का नाम रोशन कर रही है।
शनिवार को आईएमए में आयोजित हुई पासिंग आउट परेड में प्रदेश के लगभग सभी जनपदों का प्रतिनिधित्व रहा है।
देहरादून के सबसे अधिक युवा पास आउट होकर सेना में अफसर बने हैं। अल्मोड़ा के ध्याड़ी गांव के रहने वाले एकेडमी अंडर आफिसर दीपक सिंह तो परेड में सभी के आंखों का तारा बना रहा। क्योंकि दीपक ने बतौर परेड कमांडर पीओपी को लीड किया है। दीपक को गोल्ड मेडल भी मिला है।
वहीं अल्मोड़ा के ही एक और लाल दक्ष कुमार पंत ने भी टेक्नीकल ग्रेजुएट कोर्स के ऑडर ऑफ मेरिट में पहला स्थान प्राप्त करने पर सिल्वर मेडल प्राप्त किया है। पीपिंग व ओथ सेरेमनी की रस्म पूरी होने के बाद इन सभी उत्तराखंडियों ने मिलकर अपने अंदाज में
खुशी का इजहार किया। अब ये सभी सेना की अलग-अलग यूनिटों व रेजीमेंटों को ज्वाइन कर बतौर अफसर अपनी सैन्य पारी की शुरुआत करेंगे।
Veerbhoomi hai Uttarakhand.