नयी दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन की कीमत एक समान ना होने पर उच्चतम न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पूरे देश में कोरोना वैक्सीन की कीमत एक समान रखी जानी चाहिए।
केंद्र सरकार से कोविड वैक्सीन के दोहरे मूल्य और खरीद नीति को लेकर कई सवाल किये। न्यायमूर्ति भट्ट ने कहा, हम जानना चाहते हैं कि वैक्सीन की कीमत को लेकर क्या पॉलिसी हैं। खंडपीठ कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जरूरी सेवाओं के वितरण एवं आपूर्ति के संबंध में स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही थी।
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आक्सीजन टास्क फोर्स ने मसौदा रिपोर्ट तैयार कर ली है, लेकिन इसे अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। श्री मेहता ने कहा कि पात्र आबादी को इस वर्ष के अंत तक टीका लगा दिया जाएगा, केंद्र सरकार अन्य टीका निर्माताओं जैसे फाइजर के साथ चर्चा कर रही है।
कई राज्यों ने टीके के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किये हैं, लेकिन वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां जैसे फाइजर या अन्य की अपनी नीति है वे सीधे देश से बात करती है, राज्य से बात नहीं करती हैं।
इस मामले में न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता और सुश्री मीनाक्षी अरोरा ने भी अपना पक्ष रखा। श्री मेहता के यह कहने के बाद कि सरकार विस्तृत हलफनामा पेश करेगी, न्यायालय ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।