देहरादून: सोमवार को पैवेलियन ग्राउंड के हाल में मिशन रक्तदान के तहत स्वैच्छिक रक्तदान के लिए बड़ी संख्या में युवा आगे आए। आईएमए के सहयोग से लगभग 100 से ज्यादा युवाओं ने रजिस्ट्रेशन किया। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आह्वान पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। लगभग 55 युवाओं ने अपना रक्तदान किया।ब्लड बैंकों में रक्त की कमी को देखते हुए पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 14 मई से यह मुहिम की शुरुआत डोईवाला से की थी। इसके बाद हरिद्वार में भी रक्तदान शिविर आयोजित किया गया।
देहरादून में रक्त की कमी को देखते हुए दून के पैवेलियन मैदान में यह तीसरा शिविर लगाया गया। सुबह दस बजे से अपराह्नन 2 बजे तक चले इस शिविर में युवाओं का स्वैच्छिक रक्तदान के लिए उत्साह साफ दिख रहा था। पूर्व सीएम ने कहा कि उन्होंने यह संकल्प लिया है कि कोरोना के इस संकट काल में पूरे प्रदेश में कहीं भी रक्त की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए जहां भी जरूरत होगी, शिविर लगाकर युवाओं और अन्य लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित कर मुहिम चलाई जाएगी।
पूर्व सीएम ने कहा कि महामारी के दौरान इस बार जितनी तेजी से संक्रमण फैला है वैसे में हर जगह रक्त की कमी देखी जा रही है। इस मुहिम को शुरू करने के लिए उन्होंने सामाजिक संगठनों के साथ ही पार्टी के नेताओं के साथ भी बातचीत की। इसके बाद मिशन रक्तदान की शुरुआत की। सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए उनके आह्वान पर बड़ी संख्या में युवा इस मुहिम से जुड़ रहे हैं। यह बहुत ही सुखद बात है। अनेक सामाजिक संगठन के साथ ही युवा स्वयं ही रक्तदान शिविर में भाग ले रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि प्रदेश में रक्त का अभाव नहीं होने दिया जाएगा।
उनका आह्वान है कि पहले रक्तदान फिर टीकाकरण। क्योंकि अधिकांश रक्तदाता 18 से 45 आयु वर्ग का ही है। यदि युवा पहले टीकाकरण कर लेता है तो एक निश्चित अवधि तक वह रक्तदान नहीं कर सकता है। इसलिए यह आह्वान किया है। उनकी कोशिश है कि रक्त के अभाव में प्रदेश में किसी का जीवन न जाए। उन्होंने यह भी आह्वान किया कि कोरोना को मात देने के लिए जरूरी है कि किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जाच कराएं। जांच करने में किसी तरह की हिचकिचाहट न करें। अपनी बारी आने पर वैक्सीन भी जरूर लगाएँ। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कोरोना कम हो रहा है लेकिन खत्म नहीं हुआ है। पहले भी उन्होंने इसको लेकर चेताया था।
इसलिए सोशल डिस्टेसिंग, मास्क अनिवार्य रूप से पहने और बार-बार हाथ सैनेटाइज करते रहें और धोतेरहें। यही हमें कोरोना से बचा सकता है। कोविड को लेकर लंबे समय तक हमें सतर्क रहकर इसके नियमोंका पालन करना होगा। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि गांवों में स्वास्थय कर्मचारी पहुंच रहे हैं, ग्राम प्रधानोंको जिम्मेदारी दी गई है। इससे कोरोना के संक्रमण को रोकने में सरकार सफल हुई है। रक्तदाताओं को पूर्वसीएम के हाथों से आईएमए की ओर से प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए।