आपदा प्रबंधन को सशक्त करना सरकार का लक्ष्य : डा.धन सिंह रावत

आपदा प्रबंधन मंत्री लेंगे गढ़वाल मंडल में आपदा प्रबंधन की तैयारियों का जायजा

देहरादून। आपदा प्रबंधन को सशक्त करने की दिशा में काम शुरू है। सरकार की
कोशिश है कि आपदा के दौरान कम से कम जान-माल की क्षति हो। डा.धन सिंह रावत ने
वृहस्पतिवार को अपने आवास पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बेहद
संवेदनशील राज्य है। इसलिए वैज्ञानिक सुझावों पर अमल करना होगा।
आपदा जैसी  घटनाओं की सूचना मिलते ही तत्काल प्रभाव से पीडि़तों तक बचाव और
राहत  किस तरह से पहुंचाई जाए,इस पर सरकार का फोकस है। उन्होंने कहा कि आपदा
प्रबंधन को ताकतवर बनाने के लिए कई तरह की प्लानिंग की जा रही है। जिसको जल्द
ही धरातल पर उतार जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस क्रम में वे  21 मई से 23 मई तक गढ$वाल मंडल के विभिन्न जनपदों का दौरा कर विभागीय अधिकारियों एवं स्थानीय प्रशासन के साथ आपदा प्रबंधन संबंधी तैयारियों की समीक्षा करेंगे। वे इस समीक्षा के दौरान  विभाग की किसी भी आकस्मिक आपदा की स्थिति में उनकी तैयारियों का जायजा लेंगे। ताकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए  आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता है या नहीं। यदि कोई समस्या है तो उसको प्राथमिकता से सरकार दूर करेगी।
डा. रावत ने कहा कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से अत्यन्त संवेदनशील राज्य है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को हम रोक नहीं सकते लेकिन आपदा प्रबंधन की पूर्व और समुचित तैयारी द्वारा इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है। आपदा के बेहतर प्रबंधन के द्वारा संभावित जान माल की क्षति को कम किया जा सकता है।
इसकी पूर्व तैयारी आवश्यक है इसके  लिए सरकार पूरी तरह से सजग और प्रयत्नशील है और विभाग को इस दिशा में और  ज्यादा सशक्त तथा संसाधन युक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए पूर्व सूचना प्रणाली को और ज्यादा विकसित बेहद जरूरी है।
इस दिशा बृहद स्तर पर प्लानिंग की जा रहीं है। उन्होंने कहा कि इसको मजबूत करने के लिए  जन जागरूकता के साथ लोगों को भी जोडऩा होगा। इस कम्र में ही  प्रत्येक जनपद में सामुदायिक रेडियो की स्थापना सहित अनेक प्रयास किये जा रहे हैं।  आपदा प्रबंधन मंत्री अपने दौरे के दौरान आपदा प्रभावित उर्गम घाटी, आपदाग्रस्त क्षेत्र रेणीगांव एवं आपदाग्रस्त क्षेत्र तपोवन का भी निरीक्षण कर आवश्यक सुविधाओं की ताजा हालात को परखेंगे।

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