देहरादून। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोत्चार और विधि-विधान से आज मंगलवार को मेष लग्न पुष्य नक्षत्र में प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर बड़ी सादगी के साथ खोल दिए गए । इस अवसर पर मंदिर तथा मंदिर मार्ग को श्री बदरी-केदार पुष्प सेवा समिति द्वारा लगभग 20कि्ंटल फूलों से सजाया गया था। प्रात: तीन बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी।
श्री कुबेर जी बामणी गांव से लक्ष्मी द्वार से मंदिर प्रांगण पहुंचे। जबकि श्री उद्धव जी भी मुख्य द्वार से धाम के अंदर पहुंचे। इस अवसर पर कुछ ही लोग अखंड ज्योति के गवाह बने। मुख्य रावल द्वारा गर्भगृह में प्रवेश कर, मां लक्ष्मी को उनके परिक्रमा स्थित मंदिर में विराजमान किया गया। तत्पश्चात भगवान के सखा उद्धव जी एवं देवताओं के खजांची श्री कुबेर जी मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो गये।
डिमरी पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा भगवान बदरी विशाल के अभिषेक हेतु राजमहल नरेन्द्रनगर से लाये गये तेल कलश को गर्भ गृह में समर्पित किया। इसके साथ ही भगवान को माणा गांव के महिला मंडल द्वारा शीतकाल में कपाट बंद करते समय औढाया गया घृत: कंबल उतारा गया तथा प्रसाद स्वरूप बांटा गया। भगवान के निर्वाण दर्शन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जनकल्याण एवं आरोग्यता की भावना से महाभिषेक किया गया। तत्पश्चात भगवान बदरीनाथ का श्रृंगार किया गया। इस तरह निर्वाण दर्शन से श्रृंगार दर्शन की प्रक्रिया पूरी हुई। इस संपूर्ण पूजा प्रक्रिया में रावल, डिमरी भीतरी वडुवा, आचार्यों, हक हकूकधारियों, तीर्थ पुरोहितों की भूमिका रही ।