कोलकाता। चुनाव आय़ोग द्वारा चुनाव प्रचार पर 24 घंटा के प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को धरने पर बैठी थीं। कोलकाता के धर्मतल्ला स्थित महात्मा गांधी मूर्ति के समक्ष सुबह 11.30 बजे धरने पर बैठी और अपराह्ना तीन बजे अचानक धरना समाप्त कर दिया। आरोप है कि उक्त इलाका भारतीय सेना के अधिनस्थ है और पूर्वी कमान की अनुमति के बिना ही ममता व्हीलचेयर पर बैठकर धरना दिया। उन्होंने वहां एक पेंटिंग भी बनाई और लोगों को दिखाया। उनके आसपास सैकड़ों समर्थक और नेताओं का जमघट था जो हाथों में लोकतंत्र के लिए काला दिन का बैनर लिए खड़े थे।तृणमूल सूत्रों ने बताया कि 24 घंटे का प्रतिबंध समाप्त होने के बाद रात में ही ममता बनर्जी उत्तर 24 परगना जिले में दो जनसभाएं करेंगी।
माकपा-कांग्रेस ने ममता पर उठाया सवाल
उधर, चुनाव आयोग के फैसले के कोलकाता स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति के पास साढ़े तीन घंटा तक धरना प्रदर्शन करने वाली ममता बनर्जी के खिलाफ माकपा और कांग्रेस ने सवाल उठाया है। माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता का धरना प्रदर्शन भी एक तरह का चुनाव प्रचार ही है। वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी कमजोर हैं इसी लिए भाजपा नेता उनके खिलाफ बोलने का साहस दिखा रहे है। तृणमूल सुप्रीमो को चाहिए था कि धरने पर बैठने का नाटक ना करके उनके खिलाफ विवादित टिप्पणी करने वाले राहुल सिन्हा और दिलीप घोष जैसे नेताओं को गिरफ्तार करवा देतीं। इसके खिलाफ उन्होंने अदालत का दरवाजा भी खटखटाने की बात कही।