मुंबई। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी से आया सियासी तूफान महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख की कुर्सी बचने देगा या नहीं इस पर फैसला संभव है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि अनिल देशमुख पर लगे गंभीर आरोपों के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी चाहते हैं कि वह पद से हट जाएं। हालांकि, एनसीपी नेता जयंत पाटिल बार-बार यह कह रहे हैं कि देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही नहीं है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में आज महाराष्ट्र सरकार के गठबंधन में शामिल तीनों पार्टियों की बैठक होगी जिसके बाद देशमुख को लेकर फैसला लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि अनिल देशमुख पर लगे आरोपों के बाद महाराष्ट्र सरकार में भी तनाव पैदा हो गया है। सीएम उद्धव ठाकरे जहां एक तरफ अनिल देशमुख को हटाने के पक्ष में हैं तो वहीं एनसीपी ऐसा नहीं चाहती। उधर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी यह कहा कि इस पूरे मामले में शरद पवार की भूमिका पर सवाल उठते हैं क्योंकि महाराष्ट्र सरकार उन्होंने ही बनाई है।
बता दें कि पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर यह आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने सचिन वाझे को अपने घर पर बुलाया था और उनसे हर महीने मुंबई के बार, रेस्तरां वगैरह से 100 करोड़ रुपये की उगाही करने को कहा था। इस चिट्ठी के बाद से ही महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आ गया है। हालांकि, देशमुख ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया है। जहां एक तरफ इस पूरे घटनाक्रम पर महाराष्ट्र सरकार अपनी ही सहयोगी पार्टी कांग्रेस के सवालों से भी घिर रही है तो वहीं, एनसीपी चीफ शरद पवार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान परमबीर सिंह की चिट्ठी पर ही सवाल उठा दिए।
शरद पवार ने चिट्ठी लिखे जाने की टाइमिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह ने पद से हटाए जाने से पहले कोई आरोप क्यों नहीं लगाया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चिट्ठी में सिर्फ आरोप लगाए गए हैं और इसके साथ कोई सबूत नहीं दिया गया है। यह नहीं बताया गया कि 100 करोड़ रुपये कहां गए। इसके बाद दिल्ली में ही शरद पवार ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक भी की थी।