- तीर्थ पुरोहितों को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का तोहफा
- चारधाम के कपाट पुरानी परिपाटी के अनुरूप ही खोले जाएंगे
देहरादून: देवस्थानम बोर्ड के गठन का विरोध कर रहे चार धाम के तीर्थपुरोहितों को नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने तीर्थ पुरोहितों को आश्वासन दिया है कि उत्तराखंड में चार धामों के कपाट पुरानी परंपरा से ही खुलेंगे और इसमें देवस्थानम बोर्ड का दखल नहीं होगा। सीएम के यह भरोसा देने से अब तय संकेत मिल रहा है कि देवस्थानम बोर्ड को नई सरकार ठंडे बस्ते में डाल देगी। मुख्यमंत्री के देवस्थान बोर्ड के फैसले पर पुनर्विचार के फैसले से खुश होकर तीर्थ पुरोहित सोमवार को उनका आभार प्रकट करने और देवस्थानम बोर्ड पर उनका पक्ष रखने मुख्यमंत्री के निवास पर पहुंचे थे। तीर्थ पुरोहितोंके प्रतिनिधिमंडल ने प्रसाद के रूप में सीएम को गंगाजल भी भेंट किया।
बता दें कि चारधाम देवस्थानम बोर्ड का उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज विरोध कर रहा है। चारों धामों में इसके खिलाफ आंदोलन भी किया गया। भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रहे हैं। वहीं, गंगोत्री में तो देवस्थानम बोर्ड का कार्यालय तक विरोध के चलते नहीं खुल पाया था। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद उत्तरकाशी में तीर्थ पुरोहितों ने आतिशबाजी भी की थी। नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का बयान आया था कि इस मुद्दे पर तीर्थ पुरोहितों से बात करेंगे और हल निकालेंगे।
सोमवार को चारधाम महापंचायत के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात कर उनके देवस्थानम बोर्ड के संबंध में पुनर्विचार की बात करने पर आभार जताया। साथ ही सीएम से अपेक्षा की कि देवस्थानम बोर्ड के पुनर्विचार के लिए सभी धामों के तीर्थपुरोहितों ,हक हकूकधारियों के साथ बैठकर जन भावनाओं और आस्था के अनुरूप ही आगामी कार्यवाही की जाए।
इस मौके पर तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि चार धाम मे जो सरकार की ओर से देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्था की गई है, उसे पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार और चारधाम के तीर्थ पुरोहित इस मुद्दे पर बैठकर विचार करेंगे। सरकार किसी के हक हकूक पर छेडखानी नहीं करेगी। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि चारधाम के कपाट पुरानी परंपरा के अनुरूप ही खोले जाएंगे। इसमें देवस्थानम बोर्ड की कोई दखलअंदाजी नहीं होगी। इस पर तीर्थ पुरोहितों में खुशी का माहौल है।