मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नंदिग्राम में घायल होने को लेकर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पर लगाए गए आरोपों का चुनाव आयोग ने जवाब दिया और इसे वेबुनियाद करार दिया। आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इसकी शीघ्रता से जांच की जानी चाहिए। साथ ही आयोग ने कहा है कि यह कहना पूरी तरह से गलत है कि चुनाव आयोग ने चुनाव के नाम पर राज्य की कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में ले लिया है और पूरी शासन तंत्र पर कब्जा कर लिया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक के तबादले के मुद्दे पर आयोग ने कहा है कि डीजीपी को हटाने का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया गया है, बल्कि डीजीपी का तबादला विशेष पर्यवेक्षक अजय नायक तथा विवेक दुब की अनुशंसा के आधार पर किया गया है। आयोग ने कहा कि जब चुनावों की घोषणा कर गई है, तो राज्य सरकार से परामर्श करना कानूनी रूप से आवश्यक या अनिवार्य नहीं है क्योंकि ये चुनाव की अवधि के लिए सामान्य रूप से अस्थायी उपाय हैं। आयोग ने सुश्री ममता पर हमले को लेकर कहा कि आयोग राज्य के मुख्य सचिव तथा विशेष पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में प्रतिक्रिया देगा।