- सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा, जनरल साहब मेरे पिता तुल्य और मेरे राजनीतिक गुरु हैं:
- खंडूड़ी ने कहा कि तीरथ सिंह रावत क्षमतावान कार्यकर्ता, मैंने उन्हें खूब हडक़ाया है
- तीरथ बोले हडक़ाता वही है जिसका अधिकार होता है, अपने बच्चे को ही हडक़ाया जाता है
देहरादून : नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बृहस्पतिवार को अपनी पत्नी रश्मि त्यागी रावत के साथ पूर्व मुख्यमंत्री सेवानिवृत्त मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी से शिष्टाचार भेंट की और उनके व उनकी पत्नी अरुणा खंडूड़ी के पांव छूकर आशीर्वाद लिया।
तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जनरल साहब उनके पिता तुल्य हैं। आज वह जिस मुकाम पर पहुंचे हैं वह उन्हीं के कारण है। वह उनके राजनीतिक गुरु हैं और उनेंमे उनसे बहुत कुछ सीखा है। इस बीच जनरल खंडूड़ी ने जब कहा कि उन्होंने तीरथ को खूब हडक़ाया है तो तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हडक़ाता वही है जिसका अधिकार होता है। अपने ही बच्चे को हडक़ाया जाता है दूसरे को नहीं। इस मौके् पर खंडूड़ी ने कहा कि तीरथ सिंह रावत क्षमतावान कार्यकर्ता हैं। जब वह राजनीति में आए थे तो उन्हें तीरथ के पीछे-पीछे चलना पता था , क्योंकि उन्हें यानी जनरल खंडूड़ी को कोई जानता नहीं था।
222 के विधानसभा चुनाव तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में लड़े जाने के सवाल पर जनरल खंडूड़ी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का अपना चरित्र है। तीरथ सिंह बचपन से ही संगठन में काम करते रहे है वह लंबे समय से काम कर रहे हैं। उनके चरित्र पर कोई दाग नहीं है। इसका असर पड़ता है जनता यह देखकर मतदान करती है।
इस मौके पर जनरल खंडूड़ी की पत्नी अरुणा खंडूड़ी, पुत्र व कांग्रेस नेता मनीष खंडूड़ी और पुत्री व यमकेश्वर विधायक ऋतु खंडूड़ी मौजूद रहीं। तीरथ सिंह रावत के साथ भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री अजेय कुमार , विधायक खजान दास भी खंडूड़ी के घर पहुंचे थे। बता दें कि तीरथ सिंह रावत को पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी का विश्वस्त माना जाता है। उन्हीं के आशीर्वाद से 2013 में वह भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने थे। वैसे दिलचस्प बात यह है कि पिछले यानी 2011 के लोकसभा चुनाव में तीरथ ङ्क्षसह रावत गढ़वाल लोकसभा सीट से जनरल खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी के खिलाफ चुनाव लड़े थे। मनीष खंडूड़ी कांग्रेस के प्रत्याशी थे और तीरथ ने उन्हें दो लाख से अधिक वोटों से हराया था।