तीरथ: संघ प्रचारक से मुख्यमंत्री के पद तक का सफर

4 अप्रैल 1949 को पौड़ी गढ़वाल के असवालस्यूं पट्टी के सीरों गांव में हुआ था जन्म
तीरथ फरवरी 2013 से दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे
             देहरादून, आशीष  सिंह
प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का सियासी सफर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के रूप में हुआ था।
तीरथ सिंह रावत का जन्म 4 अप्रैल 1949 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के असवालस्यूं पट्टी के सीरों गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम स्व. कलम सिंह रावत है। उनकी पत्नी का नाम  डॉ.  रश्मि त्यागी रावत है और वह देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज में मनोविज्ञान विषय की एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूड़ी के खास समझे जाने वाले तीरथ सिंह रावत वह फरवरी 2013 से दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। चौबट्टाखाल से भूतपूर्व विधायक (2012—2017) हैं। वर्तमान में तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ साथ गढवाल लोकसभा से सांसद भी हैं। पौड सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अलावा 2011 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था।
नवगठित उत्तराखंड की प्रथम शिक्षा राज्य मंत्री चुने गए थे। इसके बाद 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए तत्पश्चात प्रदेश चुनाव अधिकारी तथा प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे। 2013 उत्तराखण्ड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2012 में चौबटाखाल विधान सभा से विधायक निर्वाचित हुए और वर्ष 2013 में उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने। इससे पूर्व वर्ष 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री रहे हैं।
हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। इसके बाद 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए तथा विधान परिषद् में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए।  रावत को पौड़ सीट से भारत के 17 वें लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से प्रत्याशी बनाया गया था,जिसमें वे भारी मतों से विजयी हुए। इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के मनीष खंडूड को 2,85,003 से अधिक मतों से हराया।

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