आयकर विभाग ने चेन्नई स्थित एक जाने-माने व्यावसायिक समूह के ठिकानों पर 26 फरवरी को छापे मारी की। समूह से जुड़े ग्यारह ठिकानों पर छापे मारे गए और नौ स्थानों पर सर्वेक्षण किए गए हैं जो तमिलनाडु, गुजरात और कोलकाता में स्थित हैं। यह व्यावसायिक समूह टाइल्स और सैनीटरी वेयर के उत्पादन और विपणन के व्यवसाय से सम्बंधित है और दक्षिण भारत में टाइल्स के व्यवसाय का अग्रणी समूह है। तलाशी अभियान में टाइल्स की बिक्री और खरीद के गैर हिसाबी मामलों का पता चला है। तलाशी दल के प्रयासों के चलते गैर लिखित लेन देन के विवरण सामने आए हैं जो खुफिया कार्यालय और क्लाउड से संचालित सॉफ्टवेर पर दर्ज थे। पता चला है कि व्यवसायिक समूह के 50 प्रतिशत के करीब लेन-देन को लेखा पुस्तिका से अलग रखा गया है। पिछले टर्न ओवर को ध्यान में रखते हुए किए गए आंकलन के मुताबिक तकरीबन 120 करोड़ रुपये की आय को छिपाया गया है। यह 100 करोड़ रुपये की अघोषित आय के अतिरिक्त है जिसे व्यावसायिक समूह ने छद्म कंपनियों के माध्यम से शेयर प्रीमियम के रूप में दिखाया था। अब तक 220 करोड़ रुपये की कुल अघोषित आय का पता चला है तथा 8.30 करोड़ रुपये की नकदी भी बरामद हुई है जिसे विभाग द्वारा ज़ब्त कर लिया गया है।