प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार मौद्रिक रण और आधुनिकरण के मंत्र पर आगे बढ़ रही है और इसी क्रम में आयल, गैस, पोर्ट, एयरपोर्ट, पॉवर, जैसे क्षेत्रों में करीब 100 संपदाओं का मौद्रिकरण का लक्ष्य रखा गया है। इससे 2.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान है। प्रधानमंत्री ने निजीकरण और संपदा मौद्रिक रण पर वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि देश में सरकार के नियंत्रण में बहुत सारे क्षमता से कम उपयोग और अनुपयोगी संपदा है। इसी सोच के साथ नेशनल एसेट मोनेटाइज पाइपलाइन की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि संपदाओं का मौद्रिकरण की प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। विनिवेश और मौद्रिक रण को अहम पहलू बताते हुए उन्होंने कहा कि जब देश में सरकारी उपक्रम शुरू किए गए थे, तो समय अलग था और देश की जरूरतें भी अलग थीं। जो नीति 50-60 साल पहले के लिए सही थी, उसमें सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है। आज जब हम ये सुधार कर रहे हैं तो हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य यही है कि सरकारी राशि का सही उपयोग हो। उन्होंने कहा कि कई ऐसे पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइज हैं जो घाटे में हैं। इनमें से कई को करदाताओं द्वारा चुकाए गए कर द्वारा सपोर्ट करना पड़ता है। एक प्रकार से, जो गरीब के हक का है, आकांक्षाओं से भरे युवाओं के हक का है, उन पैसों को इन इंटरप्राइजेज के कामों में लगाना पड़ता है और इस कारण अर्थव्यवस्था पर भी बहुत प्रकार का बोझ पड़ता है। सरकारी उपक्रमों को सिर्फ इसलिए ही नहीं चलाते रहना है, क्योंकि वो इतने वर्षों से चल रहे हैं ।