कृषि कानून रद्द होने के बाद ही किसानों की होगी ‘घर वापसी’ : टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्‍ता टिकैत ने कहा, ‘कृषि कानून रद्द होने के बाद ही किसानों की ‘घर वापसी’ होगी. हमारा मंच और पंच वही रहेगा. सिंघु बॉर्डर हमारा ऑफिस रहेगा. केंद्र चाहे तो आज, 10 दिन या अगले साल बात कर सकता है. हम तैयार हैं. राकेश टिकैत ने कहा कि इस आंदोलन की अवधि को लेकर किसी भी तरह की प्लानिंग नहीं की गई है. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करते हुए किसानों को 79 दिनों का समय गुजर चुका है. राकेश टिकैत ने कहा, ‘किसान आंदोलन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा. क्योंकि फिलहाल कोई प्लान नहीं है. यह अक्टूबर तक जारी रह सकता है.’ हालांकि, टिकैत ने इससे पहले भी किसानों को चेताया था कि जब तक सरकार तीन नए कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा. उन्होंने संभावना जताई थी कि आंदोलन अक्टूबर तक चल सकता है. किसान नेता राकेश टिकैत महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में 20 फरवरी को ‘किसान महापंचायत’ को संबोधित करेंगे. केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगी सीमाओं पर 40 किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने यह जानकारी दी. एसकेएम के महाराष्ट्र के समन्वयक संदीप गिड्डे ने गुरुवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि टिकैत, युद्धवीर सिंह और एसकेएम के कई अन्य नेता 20 फरवरी को यवतमाल शहर के आजाद मैदान में आयोजित होने वाली ‘किसान महापंचायत’ को संबोधित करेंगे.उन्होंने कहा, ‘टिकैत महाराष्ट्र में किसान महापंचायत की शुरुआत यवतमाल से करना चाहते हैं, जहां कई किसानों ने आत्महत्या की है.’ ‘किसान महापंचायत’ में विदर्भ और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों से भी किसानों के आने की संभावना है. महापंचायत के आयोजन के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है. यवतमाल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आयोजकों ने कार्यक्रम के लिए इजाजत मांगी है.

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