Myanmar में बड़ी संख्या में लोग सैन्य तख्तापलट का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आये और पुलिस के साथ टकराव हुआ। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को पानी की बौछारों का इस्तेमाल करना पड़ा। सेना ने यांगून और मांडले शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है और पांच से अधिक लोगों के एक जगह एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये नए नियम देश में सैन्य तख्तापलट में सुश्री आंग सान सू ची की चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करने और सुश्री सू ची तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं की नजरबंदी के खिलाफ तीन दिन तक बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन होने के बाद लगाये गये हैं। विरोध-प्रदर्शन को खत्म करने के लिए सेना की ओर से निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि सेना अतीत के रक्तपात को दोहराना नहीं चाहती है इसलिए वह कड़े कदम नहीं उठा रही है।
सैन्य प्रमुख मिन आंग लाइंग ने सोमवार को चेतावनी दी कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाएगा हालांकि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को कोई सीधी धमकी नहीं दी। देश में लोकतंत्र बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी मंगलवार को सड़कों पर लौट आये। बागो शहर में विरोध-प्रदर्शन के चौथे दिन पुलिस को भारी भीड़ का सामना करना पड़ा और उन्हें तितर बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल करना पड़ा। राजधानी नेप्यीतॉ में भी प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें डाली गयीं जिससे कुछ लोगों के चोटिल होने की भी रिपोर्ट है। म्यांमार के कई अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों के बड़ी संख्या में इकट्ठा होने की रिपोर्ट मिल रही हैं।