कोलकाता: Stones on workers during BJP rally कोलकाता में भाजपा की रैली के दौरान कार्यकतार्ओं पर पथराव किया गया। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस व भाजपा कार्यकतार्ओं के बीच जमकर भिड़ंत हुई। इस घटना में कई भाजपा कार्यकतार्ओं को काफी चोटें भी आई है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि इस रैली के लिए पुलिस की अनुमति ली गई थी, लेकिन फिर भी कुछ लोगों को पथराव करते देखा गया, लेकिन ये रणनीति काम नहीं करेगी क्योंकि पश्चिम बंगाल के लोग हमारे साथ हैं और वे एक बदलाव चाहते हैं। कोलकाता में भाजपा की रैली में केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी, राज्य भाजपा प्रमुख दिलीप घोष और सुवेंदु अधिकारी शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान कई लोग चोटिल हो गए, मगर अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बंगाल में विधानसभा चुनाव 2021 से पहले कई बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकतार्ओं में झड़प हो चुकी है। बंगाल में सियासी हिंसा में अब तक कईयों की मौत हो चुकी है। इस मुद्दे पर राज्यपाल और ममता सरकार पर कई वार तकरार भी हो चुकी है। गौरतलब है कि सियासी हिंसा के लिए कुख्यात बंगाल में आगामी कुछ माह में विधानसभा चुनाव होना है। इस बार शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और निर्बाध मतदान संपन्न कराना आयोग के लिए बड़ी चिंता का विषय है। इसीलिए आयोग का पूरा ध्यान राज्य की कानून-व्यवस्था पर अधिक दिख रहा है। एक माह के भीतर दूसरी बार बंगाल दौरे पर आए उप निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन ने डीएम और एसपी से हर सप्ताह कानून-व्यवस्था और हिंसा को लेकर आयोग को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। दो दिनों की यात्र के दौरान जैन ने बंगाल के प्रशासनिक और पुलिस के आला अधिकारियों के साथ लगातार दूसरे दिन भी बैठक की।गुरुवार को उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, स्वास्थ्य, शिक्षा, नारी और शिशु कल्याण विभाग के सचिवों के साथ बैठक की। इससे पहले बुधवार को उन्होंने राज्य के सभी जिलों के डीएम एवं एसपी के साथ चुनाव तैयारी की समीक्षा की थी। मतदाता सूची के प्रकाशन से ठीक पहले उप चुनाव आयुक्त का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि बहुत जल्द ही चुनाव आयोग की पूरी पीठ बंगाल के दौरे पर आने वाली है। संकेत मिल रहे हैं कि फरवरी के मध्य तक चुनाव का एलान होने के साथ-साथ अधिसूचना भी जारी हो जाएगी, परंतु यहां सबसे बड़ा सवाल राजनीतिक हिंसा को लेकर है? भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक पर हमले हो चुके हैं। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस तरह से सियासी तापमान बढ़ रहा है उससे हिंसा की आशंका गहराती जा रही है।