किसके आदेश से लालू प्रसाद को रिम्स के निदेशक बंगले में किया गया था शिफ्टः- झारखंड उच्च न्यायालय
झारखंड उच्च् न्यायालय ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को रिम्स के पेईंग वार्ड से शिफ्ट कर रिम्स के निदेशक के बंगला में शिफ्ट करने को लेकर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार से सवाल पूछा है
रांची: झारखंड उच्च् न्यायालय ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को रिम्स के पेईंग वार्ड से शिफ्ट कर रिम्स के निदेशक के बंगला में शिफ्ट करने को लेकर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार से सवाल पूछा है। पहले रिम्स के पेइंग वार्ड से निदेशक बंगला और फिर निदेशक बंगला से पेइंग वार्ड में लालू प्रसाद यादव को शिफ्ट किए जाने पर उच्च न्यायालर्य ने झारखंड सरकार से सवाल पूछा है। चारा मामले में सजा काट रहे लालू यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में आज झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि लालू यादव को को पेइंग वार्ड से निदेशक बंगला में शिफ्ट करने का निर्णय किसका था और फिर किसके आदेश से उन्हें बंगला से वार्ड में शिफ्ट किया गया। लालू प्रसाद को मिलने वाले सेवादार की नियुक्ति प्रक्रिया क्या है, इसकी भी जानकारी कोर्ट ने जेल प्रशासन से मांगी है। इन सभी मामलों पर सरकार को 18 दिसंबर तक उच्च न्यायालय में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। सरकार की कहा गया कि कैदियों से मिलने वालों के लिए एसओपी बनाई गई है। इसके तहत सुरक्षा और कैदियों से मिलने की प्रक्रिया बनाई गई है। इस पर कोर्ट ने एसओपी की डिटेल जानकारी भी 18 दिसंबर को पेश करने का निर्देश दिया है। लालू प्रसाद से तीन महीने में मुलाकात करने वालों की सूची हाईकोर्ट ने कारा महानिरीक्षक और रांची के बिरसा मुंडा जेल के अधीक्षक से मांगी थी। दोनों की रिपोर्ट पर सुनवाई के बाद अदालत ने यह निर्देश दिया। कोविड के बढ़ते प्रभाव का हवाला देते हुए लालू को पहले पांच सितंबर को पेइंग वार्ड के वार्ड नंबर 11 से निदेशक के केली बंगला में शिफ्ट किया गया था। इसके बाद वहां लालू यादव का एक ऑडियो वायरल होने के बाद 26 नवंबर को आनन-फानन में उन्हें केली बंगला से वापस पेइंग वार्ड के वार्ड नंबर-11 में शिफ्ट कर दिया गया था। जेल मैनुअल के पालन पर रिपोर्ट नहीं दिए जाने पर झारखंड हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी। न्यायधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने राज्य के कारा महानिरीक्षक और बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक को शो कॉज करते हुए यह बताने को कहा था कि अदालत के आदेश के बाद भी यह जानकारी क्यों नहीं दी गई। जबकि अदालत के आदेश की कॉपी उन्हें समय पर उपलब्ध करा दी गयी है। अब राजनीतिक हल्कों में लालू प्रसाद को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में सवाल उठने के बाद हेमंत सरकार में शामिल नेताओं के बीच चर्चा तेज हो गयी है।