समाधान खोजने से समाप्त होती है समस्या: मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री ने  कहा कि समस्याएं उन्हें टालने से नहीं बल्कि उनका समाधान खोजने से समाप्त होती हैं और उनकी सरकार ने देश में वर्षों से लंबित परियोजनाओं को इसी सिद्धांत पर चलते हुए पूरा किया है। मोदी ने लुटियन जोन में विशंभर दत्त मार्ग पर सांसदों के लिए नए बहुमजिला आवासों का लोकार्पण करते हुए कहा, दशकों से चली आ रही समस्याएं, टालने से नहीं, उनका समाधान खोजने से समाप्त होती हैं। सिर्फ सांसदों के निवास ही नहीं, बल्कि यहां दिल्ली में ऐसे अनेकों प्रोजेक्ट्स थे, जो कई:कई बरसों से अधूरे थे। इस परिसर में आठ पुराने बंगलों को तोड़कर सांसदों के लिए 76 नए बहुमजिला आवास बनाए गए हैं। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने दृढ़ दृष्टिकोण के साथ कई परियोजनाओं का निर्माण समय से पहले पूरा किया है। उन्होंने कहां की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के कार्यकाल में जिस अंबेडकर नेशनल मेमोरियल की चर्चा शुरू हुई थी, उसका निर्माण 23 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद इसी सरकार में हुआ। इसी तरह केंद्रीय सूचना आयोग और देश के वीर शहीदों की स्मृति में इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक भी इसी सरकार ने बनवाया। उन्होंने कहा, हमारे देश में हजारों पुलिसकर्मियों ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपना जीवन दिया है। उनकी याद में भी नेशनल पुलिस मेमोरियल का निर्माण इसी सरकार में हुआ।श्री मोदी ने कोरोना महामारी के प्रकोप के बावजूद मानसून सत्र में दोनों सदनों में महत्वपूर्ण और अच्छे कामकाज के लिए पक्ष और विपक्ष के नेताओं तथा सभी दलों की संसद के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की। विशेष रुप से लोकसभा अध्यक्ष के कामकाज की शैली की सराहना करते हुए उन्होंने कहा की उन्हें विश्वास है की इन आवासों के निर्माण में किसी तरह की कमी नहीं रखी गई होगी। उन्होंने कहा, संसद के कामकाज में सभी सांसदों ने काम और प्रक्रिया दोनों का ही ध्यान रखा है। हमारी लोकसभा और राज्यसभा, दोनों के ही सांसदों ने इस दिशा में एक नई ऊंचाई हासिल की है। सोलहवीं, 17वीं और 18वीं लोकसभाओं को कामकाज के लिहाज से देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस दौरान कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कार्य पूरे किये गये हैं और उन्हें उम्मीद है कि आगे भी किये जायेंगे। उन्होंने कहा , ‘‘ सामान्य तौर पर ये कहा जाता है कि युवाओं के लिए 16:17:18 साल की उम्र, जब वो दसवीं और बारहवीं में होते हैं, बहुत महत्वपूर्ण होती है।

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