चुनाव के वे चर्चित चेहरे, किसी को मिली हार तो किसी को मिली जीत

पटना : तीन बार विधायक रहे विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को वैशाली के लालगंज के मतदाताओं ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया। उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। मुन्ना शुक्ला 2015 के चुनाव में भी चुनाव हार गए थे। मुन्ना शुक्ला के ऊपर 13 मुकदमे दर्ज हैं। जेल में बंद बाहुबली आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद शिवहर विधानसभा सीट से चुनाव जीत गए उनका मुकाबला दो बार से विधायक रहे मोहम्मद सरफुद्दीन के साथ था। वही आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद सहरसा विधानसभा क्षेत्र से 461 मतों से चुनाव जीतकर दूसरी बार विधायक बनी है। गया जिला के अतरी विधानसभा सीट से बाहुबली नेता रहे बिंदेश्वरी यादव उर्फ बिंदी यादव की पत्नी मनोरमा देवी को भी हार का सामना करना पड़ा वो राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रही थी। पटना के दानापुर सीट से जमानत पर जेल से बाहर आए बाहुबली नेता रीतलाल यादव चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने भाजपा की आशा देवी को हराया। यह वही आशा देवी हैं जिनके पति की हत्या का आरोप रीतलाल यादव पर लगा है। रीतलाल यादव पिछले चुनाव में आशा देवी से चुनाव हार गए थे।
 सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर सीट से चुनाव लड़ रहे विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राजद के युसूफ सलाउद्दीन से चुनाव हार गए। खुद को सन ऑफ मल्लाह कहने वाले मुकेश साहनी आठवीं पास है। वह बॉलीवुड में इवेंट मैनेजमेंट और हिंदी फिल्मों के लिए सेट डिजाइन का काम करते थे। उन्होंने देवदास और बजरंगी भाईजान जैसी फिल्मों के लिए डिजाइन का काम किया था जिससे वह काफी लोकप्रिय हुए थे। बाहुबली से सामाजिक कार्यकर्ता बने जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव को भी मधेपुरा से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। सारण के परसा विधानसभा सीट से लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय को भी हार का सामना करना पड़ा है। बताते चलें कि उनकी बेटी ऐश्वर्या राय ने अपने पिता को जिताने के लिए भी खूब मेहनत की थी लेकिन उसका प्रचार काम नहीं आया।
 पटना के बांकीपुर सीट  से शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर  चुनाव लड़ रहे थे उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें भाजपा के नितिन नवीन ने चुनाव में करीब 10000 वोटों से शिकस्त दी है। वही मधेपुरा के बिहारीगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे शरद यादव की बेटी सुभाषिनी राज राव भी चुनाव हार गई है। सुभाषिनी के पास एमबीए की डिग्री है और उसकी उम्र 30 साल है। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी चुनाव जीत गए हैं। वह इस बार समस्तीपुर जिले के हसनपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। उनका मुकाबला दो बार से विधायक रहे जदयू के राजकुमार राय के साथ था।
 राजद के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी भी चुनाव हार गए हैं। वे इस बार केवटी विधानसभा सीट से उम्मीदवार थे। उन्हें भाजपा के मुरारी मोहन झा ने हराया। अब्दुल बारी सिद्दीकी ने चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित विवादित बयान दिया था। राजद के सीनियर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि नरेंद्र मोदी को लग ही नहीं रहा है कि वह एक राज्य के दंगाई सीएम नहीं देश के पीएम हैं।

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