वादों की रेवड़ियों के बीच जनता के सवाल नदारत
शाहिद नकवी
आजादी के सात दशकों में चाहे कितने बदलाव हो गये हों,सोशल मीडिया का बड़ा वैचारिक, प्रचारक और तेज़ सूचना प्रसारित करने वाला मंच भी उपलब्ध हो गया।दौड़ती भागती ज़िन्दगी रोज़ बदल रही है। लेकिन कुछ बदला नही तो वह राजनीति का मैदान है। साल दर साल सरकारें दोहराने वाले राजनीतिक भी विकास के…
Read More...
Read More...