सियासी वादों का क्या!
चार साल बाद भी न वादे हुए पूरे, न इरादों में खनक
खंडूड़ी का लोकायुक्त, नौकरियों की बहार, सब नदारद
मौहम्मद शाह नजर
देहरादून: उर्दू के विख्यात शायर डॉ. नवाज देवबंदी के मशहूर शेर ‘मंजिल पे न पहुंचे, उसे रस्ता नहीं कहते, दो-चार कदम चलने को चलना नहीं कहते, एक हम हैं कि ग़ैरों को भी कह देते हैं…
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