विष्णु नागर के दो व्यंग्य
1. कैमराजीवी
किसी युग में एक कैमराजीवी हुआ करता था। इतिहास की पुस्तकों में उसका नाम ठीक -ठीक नहीं मिलता, मगर इतना अवश्य ज्ञात होता है कि उसके नाम के अंत में इन्द्र जैसा कोई शब्द था। सुरेन्द्र, धनेन्द्र, सत्येन्द्र, धर्मेन्द्र, वीरेन्द्र या नरेन्द्र टाइप कुछ था। वैसे उसका सबसे प्रचलित नाम…
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